पंचकूला, 22 नवंबर- सत्यनारायण गुप्ता- इंडो-इजरायल सम्मलेन के दूसरे दिन के प्रथम सत्र में इजरायली विशषज्ञो ने बगीचों एवं उत्कृष्ट गावों में पौध प्रबंधन पर जानकारी दी एवं दूसरे सत्र में बागों के कनोपी प्रबंधन एवं सब्जियों की संरक्षित खेती में पॉलीनेशन के महत्व पर चर्चा की एवं इससे संबंधित जानकारी प्रतिभागियों को उपलब्ध करवाई।
इसी के साथ इजराइली विशेषज्ञो द्वारा सब्जियों के इजराइली बीज एवं तुडाई उपरांत प्रबंधन पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उच्च गुणवत्ता के बीजों से जहां फसल भरपूर ली जा सकती है, वहीं तुड़ाई उपरांत प्रबंधन सही तरीके से किया जाए तो फसल को खराब होने से बचाया जा सकता है एवं फल और सब्जियों की शेल्फ लाइफ को बढ़ाया जा सकता है।
कारगार साबित हो रहे है इंडो-इजरायल प्रोजेक्ट- नाओर गिलोन
भारत में इजराइल के राजदूत श्री नाओर गिलोन ने कहा कि इण्डो-इजराइल प्रोजक्ट के तहत स्थापित सभी केन्द्र हरियाणा प्रदेश में कारगर साबित हो रहे है। किसानो को इन केन्द्रों से हर संभव मदद मिल रही है, जिसकी वजह से किसान दिनो-दिन बागवानी खेती की ओर बढ रहा है। वर्तमान में भारत में इंडो-इजरायल परियोजना के तहत 4 उत्कृष्ट केंद्र स्थापित किए जा चुके है, इसी कड़ी में प्रदेश में अन्य उत्कृष्ट केंद्रों को स्थापित करने की परियोजना अमल में लाई जा रही है।
बागवानी खेती से किसान होंगे अधिक समृद्व- श्री जय प्रकाश दलाल कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जय प्रकाश दलाल ने कहा कि सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की तर्ज पर ही अब हरियाणा राज्य के चिन्हित गावों मे विलेज ऑफ एक्सीलेंस कार्यक्रम के तहत बागवानी की उन्नत तकनीकों का स्थानांतरण किया जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप किसानो का बागवानी की तरफ रूझान बढेगा और इससे किसान अधिक समृद्ध हो पाएंगे। अब तक हरियाणा राज्य मे राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय एजेंसियो के सहयोग से 11 उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित किए जा चुके है एवं बागवानी की नवीनतम तकनीको को किसानो तक पहुंचाने के लिए वर्ष 2021 में राज्यभर से 64 उत्कृष्टता गांव को चिन्हित करके उनकी स्थापना करने के लिए एक अनुठे कार्यक्रम की शुरूआत की गई है।
इंडो-इजरायल प्रोजेक्ट के तहत भिवानी में स्थापित हो रहा है नया केंद्र- डॉ. सैनी
डॉ. अर्जुन सिंह सैनी, महानिदेशक उद्यान विभाग ने बताया कि 16 जनवरी 2001 को पहला उत्कृष्टता केन्द्र घरौंडा, करनाल में स्थापित किया गया था। वर्तमान में 11 उत्कृष्ट केंद्रों के माध्यम से बागवानी की नवीनतम तकनीकों को विकसित किया गया है, जिसका सीधे तौर पर फायदा किसानों को हुआ है। बागवानी विभाग द्वारा इंडो-इजरायल प्रोजेक्ट के तहत एक नया उत्कृष्ट केंद्र गिगनों, भिवानी में स्थापित किया जा रहा है। यह केंद्र मुख्य तौर पर अद्र शुष्क बागवानी फसलों जैसे- खजूर, अनार, बेर, इत्यादि फसलों के लिए विकसित किया जा रहा है। इस केंद्र के माध्यम से किसानों को नर्सरी प्रबंधन, संरक्षित खेती, तुड़ाई उपरांत प्रबधंन इत्यादि तकनीकों की जानकारी दी जाएगी।
बागवानी के क्षेत्र में किए जा रहे है नए शोध
उन्होंने कहा कि बीते 10 वर्षों से बागवानी खेती में तेजी आई है। किसान की जोत समय के साथ-साथ कम होती जा रही है, ऐसे में किसान को कम भूमि पर अधिक पैदावार लेने का एक ही विकल्प नजर आ रहा है, वो है बागवानी खेती।
अंत में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।
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