चिंतनशाला:*
अभी एक घटनाक्रम हुआ। फिल्म अभिनेता शाहरुख खान का बेटा आर्यन खान ड्रग के एक मामले में 22 दिन जेल में रह कर आया है। मुम्बई हाईकोर्ट ने उसको जमानत दी है। यह महज एक घटना नहीं। यह एक पूरा सबक है, उन माता-पिता के लिए जो बहुत सम्पन्न और प्रभावी हैं। क्योकि गरीब का बच्चा क्या बिगड़ेंगे? सीमित साधन और माता-पिता मजदूर। ऐसे में बच्चे की आधारभूत आवश्यकताएं भी पूरी नहीं होती। अच्छा खाना, अच्छे कपड़े और सामान्य दर्जे का स्कूल तो गरीब के बच्चे का सपना भी नहीं हो सकता। मध्य और उपरी मध्य वर्ग के बच्चे सामान्य स्तर तक पहुंचते हैं। पर कई बार इस वर्ग के बच्चे अपनी कड़ी मेहनत से अवश्य आगे निकल जाते हैं। पर जो बाप अपने बच्चे को 15 लाख रूपए जेब खर्ची दे तो? तो क्या, निसंदेह वो आर्यन खान बनेगा। क्योकि हर वो चीज, जो बाजार में उपलब्ध है, सब उसकी पहुंच में रहती है। धन और साधन जुटाने के चक्कर में मां-बाप अपने बच्चे से दूर होते जाते हैं। आर्यन खान ने भी कहा है कि उसे अपना पिता शाहरुख खान से मिलने के लिए कई बार समय लेना पड़ता है। इन हालातों में बच्चा सुख, खुशी और जीवन के अर्थ नशे में खोजने लगता है। मेरा मानना है कि अति सम्पन्न बाप का बेटा खुद नहीं बिगड़ता। उसे हालात और कुछ स्वार्थ परस्त लोग बिगाड़ते हैं। आर्यन खान ड्रग्स तक कैसे पहुंचा? यह वो सवाल है, जो मेरी आशंका तक आपको पहुंचाता है। बड़े बाप के बेटे से सम्पर्क बनाने तथा उसके माध्यम से कमाई करने वालों की कमी नहीं है। बस, ऐसे अति सम्पन्न परिवारों के बच्चों के बिगड़ने की शुरूआत यहीं से होती है। यह सब चर्चा करना का अभिप्राय केवल और केवल इतना है कि आप चाहे जिस वर्ग में आते हों, आप अपने बच्चों को चाहे आपेक्षित पैसा न दे पाए पर उनको समय और प्यार अवश्य दें। ताकि उसमें अकेलापन और उपेक्षा की भावना न आने पाए। बच्चे की हर गतिविधि पर नजर रखना हर मां-बाप का फर्ज भी है और धर्म भी। आर्यन खान के केस में हालात अलग इसलिए हैं कि उसका पिता शाहरुख खान फिल्म उद्योग से हस्ती है और फिल्मी दुनिया की परम्पराएं और जन संस्कृति हट कर है। इसीलिए जेल से घर पहुंचने पर ढोल बजा कर उसका स्वागत किया गया। सोचो, अगर आर्यन खान सामान्य या सामान्य से उपरी परिवार से होता तो?
@ ईश्वर धामु