न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में शुक्रवार को दो मस्जिदों में गोलीबारी कर 49 लोगों की हत्या के आरोपी ब्रेंटन टैरेंट की कोर्ट में पेशी हुई. ऑस्ट्रेलिया में जन्मे टैरेंट पर हत्या के आरोप तय किए गए. यानी कि अब पूरी उम्र वह जेल में ही रहेगा. 28 साल का टैरेंट हाथ में हथकड़ी और कैदियों वाली सफेद रंग की कमीज पहने कोर्ट में पेश हुआ. 49 लोगों की हत्या करने वाले टैरेंट के चेहरे पर किसी भी तरह का अफसोस नहीं दिखा.
टैरेंट पूर्व फिटनेस ट्रेनर है. सुरक्षा कारणों के चलते सुनवाई बंद कमरे में हुई. हमलावर ने जमानत की कोई अर्जी नहीं दी. पांच अप्रैल को होने वाली अगली सुनवाई तक उसे हिरासत में रखा जाएगा. टैरेंट के अदालत से चले जाने के बाद, जज ने कहा कि इस समय उसपर हत्या का एक आरोप है. टैरेंट जो ग्रेफ़्टन के न्यू साउथ वेल्स शहर में बड़ा हुआ, क्राइस्टचर्च से लगभग 360 किमी की दूरी पर डुनेडिन के दक्षिणी शहर में रहता था. ऑस्ट्रेलियाई पुलिस, ग्रेफ़्टन के आसपास टैरेंट के लिंक की जांच कर रही है.
मुस्लिम समुदाय नहीं डरेगा
हमले के वक्त लिनवुड मस्जिद में नमाज पढ़ा रहे एक इमाम ने कहा कि मुस्लिम समुदाय इस नरसंहार से नहीं डरेगा. इब्राहिम अब्दुल हलीम ने कहा कि हम अब भी इस देश को प्यार करते हैं. इस बीच, न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न सिर पर काले रंग का स्कार्फ पहने हुए शहर में पहुंची और पीड़ितों के परिवार से मुलाकात की.
उन्होंने कहा कि पीड़ित तुर्की, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे देशों से आए थे. मृतकों में सऊदी अरब का एक और जॉर्डन के दो नागरिक शामिल हैं जबकि पाकिस्तान के पांच नागरिक लापता हैं. सोमालिया मूल की न्यूजीलैंड निवासी सहरा अहमद ने कहा कि वह प्रधानमंत्री के व्यवहार से अभिभूत है.
हथियार रखने के कानून में बदलाव
देश के बंदूक संबंधी कानूनों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह इसमें बदलाव करने को तैयार हैं. पीएम अर्डर्न ने कहा कि हमलावर ने नवंबर 2017 में श्रेणी ए के बंदूक लाइसेंस हासिल कर हमले के लिए हथियार खरीदने शुरू किए थे.
उन्होंने कहा कि यह मात्र तथ्य है कि इस व्यक्ति ने बंदूक लाइसेंस हासिल कर लिया था और उस स्तर तक के हथियार हासिल कर लिए थे. जाहिर है मुझे लगता है कि लोग बदलाव की मांग करेंगे और मैं इसे करने के लिए प्रतिबद्ध हूं.