पंचकूला 14 जनवरी।सत्यनारायण गुप्ता- नगर निगम ने शहर में निर्माण के दौरान निकले वाले मलबे के डिस्पोजल के लिए जसवंतगढ़ में प्लांट लगाने का फैसला किया है। इसके लिए टेंडर 20 जनवरी को खुलेगा। पंचकूला के मेयर कुलभूषण गोयल ने बताया कि शहर में प्रतिदिन लगभग 120 मीट्रिक टन सीएंडडी वेस्ट उत्पन्न होता है। नगर निगम ने सीएंडडी कचरे के संग्रह, परिवहन, प्रसंस्करण और पुनर्चक्रण के लिए पीपीपी मोड पर यह काम करने के लिए टेंडर लगाया है। कंपनी को प्लांट लगाने के लिए नगर निगम की ओर से जमीन उपलब्ध करवाई जाएगी। इस पंचकूला में घरों के निर्माण के बाद निकलने वाले मलबे के निस्तारण के लिए कोई प्रबंध नहीं है और शहर में अलग-अलग जगहों पर मलबा फैला रहता है। मेयर कुलभूषण गोयल ने बताया कि सीएंडडी वेस्ट के संग्रह, ट्रांसपोर्टेशन, पुर्नचक्रण का टेंडर अलॉट होने के बाद काफी समस्या हल हो जाएगी। सडक़ों के किनारे अवैध डंपिंग पर अंकुश लगेगा।
मेयर कुलभूषण गोयल ने बताया कि कंपनी द्वारा जीपीएस के साथ कवर किए गए वाहनों में निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट का संग्रह करके प्लांट तक ले जाएगा। सी एंड डी अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना और इसका प्रसंस्करण करके उपयुक्त मशीनीकृत तकनीकी प्रक्रिया का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा, चयनित बोलीदाता को अवैध डंपिंग को कम करने और दंड को अधिकतम करने में निगम की सहायता करने की आवश्यकता होगी। नगर निगम पंचकूला लगभग 116 किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है।
पंचकूला में हर दिन औसतन 120 टन कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन (सी एंड डी) वेस्ट निकल रहा है। निस्तारण की व्यवस्था नहीं होने के कारण शहर में कई जगह मलबा ही मलबा नजर आ रहा है। लगभग 116 वर्ग किलोमीटर के इस शहर में 25 हजार टन कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन वेस्ट पड़ा हुआ है। सी एंड डी वेस्ट रिसाइकलिंग प्लांट लगाने के लिए नगर निगम ने एग्रीमेंट के लिए टेंडर किया है।
प्लांट में संचालन शुरू होने में पांच वर्ष के लिए टेंडर अलॉट किया जाएगा। जब प्लांट का संचालन शुरू हो जाएगा और इससे आमदनी शुरू हो जाएगी तो कंपनी को आगे भी काम बढ़ाया जा सकता है। कंपनी मलबा को रिसाइकिल करके टाइल्स, कंक्रीट मेटेरियल व अन्य सामग्री तैयार करेगी, जिसे बाजार में बेचा जाएगा।
पंचकूला में बड़े पैमाने पर भवन निर्माण का कार्य चल रहा है। सेक्टरों में पुराने मकानों को ध्वस्त करके नए मकान बनाए जा रहे हैं। बड़े पैमाने पर कंस्ट्रक्शन हो रहे हैं। बड़े पैमाने पर मल्टीस्टोरी बिल्डिंग बन रहे हैं। हर तरफ सी एंड डी वेस्ट निकल रहा है। मगर, इसके निस्तारण की व्यवस्था नहीं होने के कारण आम लोग व बिल्डर शहर में जहां-तहां खाली जगह पर मलबा डाल जाते हैं। मलबा उठाने में कई ठेकेदार सक्रिय हैं। ठेकेदार लोगों से प्रति ट्रैक्टर ट्राली 250 रुपये की दर से मलबा उठाकर पास ही पार्क व खाली जगह पर डाल देते हैं। यही कारण है कि इन दिनों शहर में प्रतिदिन 120 टन मलबा निकल रहा है। निस्तारण की व्यवस्था नहीं होने के कारण वर्तमान में शहर में जगह-जगह लगभग 25 हजार टन मलबा पड़ा हुआ है।