पंचकूला, 12 जनवरी- सत्यनारायण गुप्ता- हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने स्वामी विवेकानंद जी को युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत बताते हुए उनसे स्वामी विवेकानंद द्वारा दिखाए मार्ग पर चलने का आहवान किया। श्री गुप्ता ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने भारत की संस्कृति को न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी प्रचारित किया।
श्री गुप्ता आज हरियाणा साहित्य अकादमी सेक्टर 14 में हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा स्वामी विवेकानन्द जी की जयन्ती के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय युवा दिवस विचार संगोष्ठी को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने डॉ. एम.एम. जुनेजा द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘भारत की युवा पीढ़ी कैसी हो’’? और अकादमी के प्रकाशन ‘‘स्वामी विवेकानंद का आहवान’’ का विमोचन भी किया। इससे पूर्व उन्होंने अकादमी भवन मे उर्दू अकादमी की कला दीर्घा का अवलोकन भी किया।
संगोष्ठी में सुप्रसिद्ध शिक्षाविद् पूर्व आईएएस श्री विवेक अत्रे और हरियाणा साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ.चंद्र त्रिखा भी उपस्थित थे।
श्री गुप्ता ने कहा कि आज स्वामी विवेकानंद जी का जन्म दिवस देश भर में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानद युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत थे और उनका संदेश ‘‘उठो, जागो और तब तक न रूको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए’’ आज भी उतना ही प्रासंगिक है। श्री गुप्ता ने कहा कि भारत युवाओं का देश है और यहां के युवा वैज्ञानिकों, इंजिनियरों, डॉक्टरों और खिलाड़ियों ने न केवल देश में बल्कि विश्व में ख्याति अर्जित की है।
उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि आज कुछ असामाजिक ताकतों द्वारा युवाओं को लक्ष्य से भटकाने का प्रयास किया जा रहा है। युवाओं को गलत दिशा में जाने से रोकने के लिए उन्हें जागरूक करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हम युवाओं को खेलों से जोड़ कर उन्हें नशे की तरफ जाने से रोक सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार और गैर सरकारी संस्थाओं के साथ-साथ लोगों को भी इस दिशा में आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि खेलों से जुड़ कर युवा न केवल नशे से दूर रहेंगे बल्कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन कर देश का नाम पूरे विश्व में रोशन करेंगे।
विशेष अतिथि के रूप में संगोष्ठी को संबोधित करते हुए भारतीय पुलिस सेवा के सेवानिवृत वरिष्ठ अधिकारी एवं लेखक श्री वी.के. कपूर ने कहा कि जहाँ एक तरफ डॉ. एम.एम. जुनेजा अपनी कृतियों में एक इतिहास विशेषज्ञ के रूप में हमारे सामने आते हैं वहीं दूसरी और वे एक चिंतक एवं मार्गदर्शक के रूप में आज की युवा पीढ़ी को प्रेरित भी करते हैं।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सुप्रसिद्ध शिक्षाविद् पूर्व आईएएस श्री विवेक अत्रे ने कहा कि कोई भी व्यक्ति, युवा मन और सोच से होता है, न कि उम्र से। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद के सिद्धांतों को अपने जीवन में अपना कर युवा एक आदर्श युवा बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति निपुण नहीं होता और जीवन भर कुछ न कुछ नया सीखता है।
‘भारत की युवा पीढ़ी कैसी हो’ के लेखक डॉ. एम.एम. जुनेजा ने पुस्तक की रचना प्रक्रिया पर अपने अनुभव सांझे करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी के 39वें राष्ट्रीय युवा दिवस पर यह पुस्तक युवा पाठकों सुपुर्द करते हुए उन्हें विशेष हर्ष की अनुभूति हो रही है। उन्होंने कहा कि हमारी युवा पीढ़ी को तीन बातें विशेष ध्यान में रखनी चाहिए कि इस विश्व में उनके अस्तित्व का मकसद क्या है, और वे अपने सीमित जीवन को कैसे प्रभावशाली बना सकते हैं तथा अन्त में अपने जीवन में कुछ ऐसा करना जिसे मृत्यु भी नष्ट न कर सके। यदि यह तीनों बातें आज की युवा पीढ़ी ध्यान में रखेगी तो आने वाला समय भारत वर्ष का होगा।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि स्वतन्त्रता सैनानी उतराधिकारी संगठन के अध्यक्ष श्री के.के. शारदा ने भी डॉ. एम.एम. जुनेजा की पुस्तक को भारत की युवा पीढ़ी के लिए विशेष रूप से प्रेरणादायक बताया। उन्होंने कहा कि डॉ. जुनेजा द्वारा युवाओं के प्रोत्साहन के लिए शहीदों पर अनेक पुस्तकें तैयार की गई हैं।
हरियाणा साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. चन्द्र त्रिखा ने मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों का आभार प्रकट करने के उपरान्त अपने सम्बोधन में कहा कि संकट चाहे युवा-शक्ति में नव-ऊर्जा के संचार का हो या कोरोना-महामारी की तीसरी लहर और नए वेरिएंट ‘ओमिक्रॉन’ के खिलाफ़ जूझने का हो, स्वामी विवेकानन्द एक मार्गदर्शक, महानायक और प्रेरक एवं व्यावहारिक ज्योतिपुंज के रूप में सामने आते हैं।
इस इवसर पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश युवा मोर्चा के महामंत्री योगेन्द्र शर्मा, चण्डीमंडलाध्यक्ष संदीप यादव तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।