मसीहा बनकर दिल का मर्ज कम कर रहे हरियाणा की सरकारी हार्ट सेंटर, चार साल हुए पूरे।*
-- उमंग द्वारा--
*41 हजार की सफल हार्ट केस, 2.4 लाख मरीजों ने आयुष्मान भारत, बीपीएल, एससी और सेवारत कर्मचारियों को मिला है नि:शुल्क इलाज।*
*योजना में मुफ्त, जनरल में रियायती दरों पर मिल रहा महंगा इलाज।*
हरियाणा के हृदय रोगियों के लिए सरकारी अस्पतालों में राज्य सरकार द्वारा पीपीपी मोड पर शुरू किए गए मेडिटीना हार्ट सेंटरों को चार साल पूरे हो गए हैं।
इन चार साल में फरीदाबाद, पंचकूला, अंबाला कैंट और गुरूग्राम के हार्ट सेंटरों में प्रदेश के हर तरह के मरीजों ने अत्याधुनिक रोटा एबलेशन, इंट्रावास्कुलर अल्ट्रासाउंड (आईवीयूएस) की मदद से सीटीओ और रेट्रोग्रेड तकनीक से इलाज करवाया है।
जिसमें आयुष्मान भारत, बीपीएल, एससी योजना और हरियाणा सरकार से सेवारत कर्मचारियों को बेहतर से बेहतर और महंगे से महंगा इलाज रियायती दरों पर मुहैया हुआ है।
जो अपने आप में बड़ी उपलब्धी है।
इन सरकारी हार्ट सेंटरों पर नया जीवन पाने वाले हृदय रोगियों और उनके परिजनों ने यहां की आधुनिक सुविधाओं के लिए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और संस्थान के कॉर्डियोलॉजिस्टों की सराहना कर चुके हैं।
मरीजों का मानना है कि हरियाणा सरकार के यह हार्ट सेंटर सरकारी योजनाओं के माध्यम से गरीब और जरूरतमंद हृदय रोगियों के लिए मसीहा बनकर उभरे हैं।
लाखों का इलाज चंद पैसों में ही सरकार ने मुहैया करवा दिया है।
इतना ही नहीं प्रदेश में फरीदाबाद, अंबाला, पंचकूला के सरकारी हार्ट सेंटरों में तो देश के जाने माने वरिष्ठ कॉर्डियोलॉजिस्ट और मेडिटीना ग्रुप के डॉयरेक्टर डॉ. एन प्रथाप कुमार ने स्वयं आकर इंट्रावास्कुलर अल्ट्रासाउंड (आईवीयूएस) सीटीओ और रेट्रोग्रेड तकनीक से करीब 50 से अधिक जटिल एंजियोप्लास्टी कर हद्य रोगियों का जीवन बचाया है।
यह मरीज वह थे, जिन्हें निजी अस्पतालों के चिकित्सकों ने हद्य की बाइपास सर्जरी की सलाह दी थी।
लेकिन ऐसे मरीजों का इलाज भी रियायती दरों व सरकार योजनाओं के तहत मुफ्त कर सरकारी हार्ट सेंटर का परचम बुलंद किया है।
वहीं बाहरी राज्यों और पूरे दिल्ली एनसीआर से मरीज हरियाणा के फरीदाबाद, गुरूग्राम, अंबाला कैंट और पंचकूला के हार्ट सेंटरों पर इलाज के लिए पहुंचने लगे हैं।
चार साल में रिकॉर्ड 16116 सफल एंजियोप्लास्टी, 2.4 लाख ओपीडी
आज के दौर में जहां लोग सरकारी अस्पतालों में जाने से कतराते हैं वहां हरियाणा के चारों सरकारी हार्ट सेंटरों ने लोगों की मानसिकता को बदला है।
निजी अस्पतालों को आईना दिखाने का काम किया है कि सरकारी हार्ट सेंटरों में भी हर वह जटिल हार्ट सर्जरी हो सकती है जो निजी अस्पतालों में की जाती है।
बस फर्क सिर्फ इतना है कि जब सरकारें स्टंट की दरें कम कर चुकी हैं ऐसे में भी निजी अस्पतालों में आज भी हद्य का इलाज गरीबों की पहुंच से दूर है।
वहीं सरकारी अस्पतालों के हार्ट सेंटर मरीजों की जान बचाकर उनके जख्मों पर मरहम लगाने का काम कर रहे हैं।
हरियाणा के सरकारी हार्ट सेंटरों ने पिछले 4 साल में रिकॉर्ड तोड़ 2 लाख 4 हजार 499 मरीजों को ओपीडी में देखा है और 16 हजार 116 मरीजों की रियायती दरें पर सफल एंजियोप्लास्टी की है।
इसके अलावा सरकारी हार्ट सेंटरों में कुल 1,75,145 ईसीजी, 99,544 ईको जांच, 17,662 टीएमटी, 24,729 सीएजी और 309 पीपीएम किए हैं।