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Panchkula

पर्यावरण को बचाना है तो करना ही होगा प्लास्टिक का बहिष्कार: एसीपी पंचकूला *

January 08, 2022 07:46 PM

एसीपी पंचकूला नें सैक्टर-2 जाकर मार्किट एसोसियसन व आमजन को प्लास्टिक का कम से कम प्रयोग करनें बारें किया जागरुक ।*

 

*--पर्यावरण को बचाना है तो करना ही होगा प्लास्टिक का बहिष्कार: एसीपी पंचकूला *

 

*-- प्लास्टिक पर्यावरण की दुश्मन, न उपयोग करें न करने दें *

 

 

पंचकूला-- सत्यनारायण गुप्ता-

                         पुलिस प्रवक्ता नें जानकारी देते हुए बताया कि आज दिनांक 08 जनवरी को पुलिस महानिदेशक श्री पी.के. अग्रवाल भा0पु0से0 के निर्देशानुसार, पुलिस कमीश्नर पंचकूला श्री सौरभ सिह भा0पु0से0 के नेतृत्व में एसीपी पंचकूला श्री विजय कुमार ह0पु0से0 द्वारा जिला पंचकूला में अलग अलग मार्किट (सैक्टर 09, सैक्टर 07, सैक्टर 20 पंचकूला) में जाकर मार्किट एसोशियसन/दुकानदारों को गैर बायोडिग्रेडेबल कचरे के बारें जागरुक किया गया ।

 

इस सम्बन्ध में एसीपी पंचकूला नें जानकारी देते हुए बताया कि प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए अभियान शुरुआत की गई है जिस अभियान के तहत हमें गैर बायोडिग्रेडेबल कचरे बारें जागरुक होकर प्लास्टिक का कम से कम प्रयोग करना चाहिए । क्योकि कही ना कही पर्यावरण को नुक्सान हुआ है जिसकी वजह से इस प्रकार की भयानक बिमारिया सामनें आ रही है जिससें मानव जीवन को प्रभाव कर रही है और हमें इसके प्रति खुद को जागरुक होकर इसका कम से कम प्लास्टिक प्रयोग करना चाहिए ।

 

क्योकिं प्लास्टिक कही ना कही नुक्सान ही करेंगी , प्लास्टिक हमें हवा में , जमीन में ,जल में सभी जगह पर नुक्सान देती है जैसें कि कोई भी व्यक्ति या सफाई कर्मचारी प्लास्टिक/पॉलिथीन को जला देतें है जिसके जलानें से स्टाईरिन गैस निकलती जिससें गर्भवती महिलाओ की त्वजा और बच्चे के दिमाग व स्वास्थ पर बुरा असर डालती है जिससे कैंसर जैसी बिमारियो का कारण बन जाती है और प्लास्टिक जमीन में गलने में 100 से 300 साल तक का समय लेती है । इससे जमीन की उर्वरक क्षमता घटती है । जिस जमीन में प्लास्टिक अधिक मात्रा में होती है, उसकी पानी सोखने की क्षमता बहुत कम हो जाती है । उस जमीन पर खेती नहीं की जा सकती । और इसके साथ ही बताया कि कुछ व्यकित अक्सर नदियों में पॉलीथिन में खाद्य पदार्थ बांधकर डाल देते हैं । जलीय जीव खाद्य पदार्थों के साथ साथ पॉलीथिन को भी खा जाते हैं। इससे उनकी मौत भी हो जाती है । प्लास्टिक पर्यावरण की दुश्मन है ।

 

इस सम्बन्ध में एसीपी पंचकूला नें कहा कि हमें समाज के एक जिम्मेवार व समझदार नागरिक होनें के नातें प्लास्टिक का कम प्रयोग करना चाहिए और हमें प्लास्टिक के नुक्सान बारें जागरुक होकर लोगो को इसके कम प्रयोग करनें बारें जागरुक करना चाहिए । क्योकि प्लास्टिक जल, भूमि, समुद्री, पशुओ को व मानव जीवन के लिए खतरा है और हमें इसका कम से कम प्रयोग करना चाहिए और पॉलिथीन की जगह जूट के थैलों का उपयोग करना चाहिए । इसके साथ ही एसीपी पंचकूला नें कहा कि समझदारी से काम लेते हुए हमें मार्किट कुछ समान खरीदनें जानें के लिए घर से एक कपडें व अन्य थैला लेकर घर से निकलें और यह तभी सम्भव हो पायेगा जब आप औऱ सभी मिलकर इसके प्रति जागरुक रहकर इसका कम सें कम प्रयोग करेंगें ।

 

इस दौरान इन्सपैक्टर ललित कुमार अपराख शाखा नें जानकारी देते हुए बताया कि गैर-बायोडिग्रेडेबल कचरे काफी प्रतिकूल प्रभाव होतें है जैसें कि भूमि के मामले में, गैर-बायोडिग्रेडेबल कचरा इसके प्रमुख पोषक तत्वों को छीन सकता है, इसलिए, जमीन को प्रदूषित करता है । ऐसे अपशिष्टों के कारण स्वस्थ फसलों का विकास या विभिन्न जीवन रूपों का पोषण एक महत्वपूर्ण मुद्दा हो सकता है । उदाहरण के लिए, एक परमाणु आपदा में, भूमि बेकार हो जाती है क्योंकि यह रेडियोधर्मी पदार्थों से दूषित हो जाती है । न तो यह किसी जीवन को बनाए रख सकता है और न ही इसके रहने योग्य । यदि अपशिष्ट समुद्री जीवन में लीक हो जाता है, तो ऑक्सीजन का स्तर गिर जाता है, जिससे जलीय जीवों का नुकसान होता है । पानी भी पीने लायक नहीं रह जाता है ।

 

इस सम्बन्ध में पंचकूला पुलिस नें जानकारी दे प्लास्टिक के बैग्स संभाल कर रखें इनको कई बार इस्तेमाल में लाए और सामान खरीदनें जानें के लिए अपनें साथ कैरी बैग (कपडें या कागड के बनें बैग) लेकर जाए और ऐसे प्लास्टिक के इस्तेमाल से बचें जिसें एक बार इस्तेमाल करके फैकना होता है जैसें प्लास्टिक के पतलें ग्लास, तरल पदार्थ पीने स्ट्रा इत्यादि ।

 

प्लास्टिक के समान को कम करनें की कोशिश करें । धीरे -2 प्लास्टिक की जगह दुसरें पदार्थ से बनें समान अपनाए । और प्लास्टिक की पीटीई और एचडीपीई प्रकार के समान चुनियें । क्योकि इस प्रकार की प्लास्टिक को आसानी से रिसाईकल किया जा सकता है और कम से कम प्लास्टिक समान फैकनें की कोशिश करें । और अपने आसपास प्लास्टिक के कम प्रयोग बारें जागरुक करें । इसके साथ जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा नान बाइओडिग्रेड्डबल ग्रेबज एक्ट कन्ट्रोल 1998 के 500/-,1500/-,3000/-,10000-/,20000/- 25000/- केतहत अलग अलग जुर्माना के प्रावधान है अगर कोई इस अधिनियम की उल्लंघना तो उसके खिलाफ कार्यवाही अमल में लाई जायेगी ।

 

इसके साथ एसीपी पंचकूला नें कोविड-19 से बचनें हेतु भी आमजन को सन्देश देते हुए कहा कि कोविड19 के बढते सक्रमण के तहत नियमों की पालना करके खुद को स्वस्थ व सुरक्षित रखें ।

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