Saturday, December 21, 2024
Follow us on
 
BREAKING NEWS
राज्य सरकार पंचकूला में पत्रकारिता विश्वविधालय स्थापित करने पर गंभीरता से करेगी विचार-विधानसभा अध्यक्ष*भाजपा पंचकूला ने अल्पसंख्यक मोर्चा के 4 मंडल अध्यक्षों की घोषणा कीजन सरोकार दिवस’ रैली को ऐतिहासिक बनाने के लिए कार्यकर्ता दिन रात एक कर दे - अजय सिंह चौटालानिर्यातक के घर के सामने जमकर प्रदर्शन किया और हर रोज धरना देने का फैसला लिया। कहां की है घटना पढ़िए पूरी खबरअभय सिंह की जीत के बावजूद किसान की करारी हार-- ऐलनाबाद उपचुनाव परिणाम की समीक्षा --- पढ़िए पूरा विश्लेषणमल्टीस्पेशलिटी चेकअप कैंप में 270 लोगों की जांच, 20 आपरेशनविधानसभा अध्यक्ष ने किया अमरटेक्स, इंडस्ट्रियल एरिया फेस-1 में फैक्ट्रियों के मालिकों व श्रमिकों/कर्मचारियों के लिये मैगा कोविशिल्ड वैक्सीनेशन कैंप का उद्घाटन।पेड़-पौधे लगाकर हम धरती माता का श्रृंगार कर सकते हैं: श्रवण गर्ग
 
 
 
Haryana

अभय सिंह की जीत के बावजूद किसान की करारी हार-- ऐलनाबाद उपचुनाव परिणाम की समीक्षा --- पढ़िए पूरा विश्लेषण

November 02, 2021 10:09 PM

अभय सिंह की जीत के बावजूद किसान की करारी हार*

 

*--- ऐलनाबाद उपचुनाव परिणाम की समीक्षा ---*

 

*- उपचुनाव भले ही इनेलो ने जीता, लेकिन विरोधी माहौल के बीच भाजपा का प्रबंधन रहा श्रेष्ठ*

*- गोबिंद कांडा व पवन बैनीवाल की बनी हार की हैट्रिक*

*- कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के अलावा पार्टी का कोई नेता नहीं दिखा गंभीर*

 

*अजय दीप लाठर/खबर खखाटा 24❌7*

 

ऐलनाबाद उपचुनाव में मतदाताओं ने इनेलो उम्मीदवार अभय सिंह चौटाला के सिर पर जीत का सेहरा बांधते हुए उन्हें फिर से विधायक चुनकर प्रदेश की विधानसभा में आवाज उठाने के लिए भेज दिया है। इस चुनाव में अभय सिंह चौटाला भले ही विजयी हो गए हों, लेकिन किसान, किसानी और कामगार की हार ही हुई है। वहीं, अपने खिलाफ चारों ओर फैले विरोध के बीच भारतीय जनता पार्टी का प्रबंधन अन्य पार्टियों के मुकाबले श्रेष्ठ रहा, तो कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष के अलावा उनकी पार्टी का कोई भी अन्य नेता इस उपचुनाव को लेकर गंभीर नजर नहीं आया। जिसकी वजह से कांग्रेस की इतनी दुर्गति होती नजर आई।

 

ऐलनाबाद की सीट इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला के त्यागपत्र देने के बाद खाली हुई थी। चौटाला ने तीनों कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में अपनी विधायकी से त्यागपत्र दिया था। ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र में अगर शहरी हिस्से को छोड़ दें तो ज्यादातर निवासी कृषि से होने वाली आजीविका पर ही निर्भर हैं। शहरी क्षेत्र में भी ज्यादातर लोग ऐसे हैं, जो किसानी से जुड़े व्यवसाय या फिर फसलों की खरीद-फरोख्त से ही अपना परिवार चला रहे है। उधर, अभी तक न तो तीनों कृषि कानूनों को केंद्र सरकार ने वापस लिया है और न ही किसान संगठनों ने अपने आंदोलन को समाप्त किया है। यानी, मुद्दा भी जिंदा है, आंदोलन भी जिंदा है। फिर भी ऐलनाबाद के मतदाताओं को अभय सिंह चौटाला द्वारा प्रचार के दौरान बार-बार यह बताना पड़ा कि उन्होंने त्यागपत्र क्यों दिया था? यानी, यहां के मतदाता एक बार भी इस बात को लेकर गंभीर नजर नहीं आए कि अभय सिंह का इस्तीफा किसानी, किसान, कामगार और व्यापारी को बर्बाद होने से बचाने के लिए था। कृषि से जुड़े होने के बावजूद उन्होंने अभय सिंह चौटाला का उतना साथ नहीं दिया, जितनी उम्मीद की जा रही थी। पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की मेहनत, पूर्व सांसद अशोक तंवर, पूर्व विधायक रामपाल माजरा, किसान नेता राकेश टिकैत के आह्वान के बावजूद जो लीड अभय सिंह को मिलनी चाहिए थी, इस चुनाव में वह नहीं मिली। यानी, चुनाव में जीत भले ही अभय सिंह की हुई हो, लेकिन जिस तरह से 2019 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले उनका मार्जन घटा है, उसे सही मायनों में, साफ शब्दों में ऐलनाबाद की धरती पर किसान की करारी हार कहा जा सकता है।

 

---------------------------------

 

*कांडा की हार, लेकिन भाजपा का प्रबंधन व प्रदेश अध्यक्ष का नेतृत्व जीता*

 

ऐलनाबाद उपचुनाव में भाजपा-जजपा उम्मीदवार गोबिंद कांडा की भले ही हार हुई हो, लेकिन यहां पर भाजपा के चुनावी प्रबंधन व प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व की जीत हुई है। 2014 के बाद से हुए तीनों चुनाव में भाजपा यहां दूसरे स्थान पर रही है, लेकिन इस बार वोट प्रतिशत भी बढ़ा है। इलाके में सतारूढ़ भाजपा-जजपा नेताओं का तीखा विरोध था और सिख बेल्ट के गांवों में तो इनके घुसने पर भी लोगों ने प्रतिबंध लगाया हुआ था। इस सभी के बीच चुनाव तय होने से पहले ही मैदान में विस्तारकों को उतारना, बूथ स्तर के अलावा पन्ना प्रमुख तक का मार्गदर्शन करने का श्रेय भाजपा संगठन को जाता है। चुनाव घोषित होने के बाद बड़े पैमाने पर चुनावी ड्यूटियां लगाना, चुनाव प्रबंधन को सबसे श्रेष्ठ बनाते हुए हाईटेक वार रूम स्थापित करना, हर गांव, बिरादरी पर बारीक नजर रखना आदि ने चुनाव प्रबंधन के मामले में प्रदेश नेतृत्व ने भाजपा को अन्य दलों के मुकाबले आगे खड़ा कर दिया।

 

*जातिगत समीकरण साधते हुए तैनात किए भाजपा नेता*

 

भाजपा संगठन से जुड़े एक नेता ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने इलाके के जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए ऐलनाबाद चुनाव प्रबंधन के लिए टीम तैनात की। सुभाष बराला को चुनाव प्रभारी बनाने के साथ ही चार सहप्रभारी भी यहां पर तैनात किए। व्यापारी समुदाय को लुभाने के लिए हिसार के विधायक कमल गुप्ता को जिम्मेदारी सौंपी, तो अनुसूचित वर्ग के लिए पूर्व मंत्री कृष्णलाल पंवार को उतारा। इसके साथ ही कंबोज समाज को साधने के लिए पूर्व मंत्री कर्णदेव कंबोज की ड्यूटी लगाई तो कुम्हार बिरादरी के लिए विधानसभा उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा को फील्ड में उतारा। यही नहीं, जब टिकट आवंटन की बात आई तो इनेलो व कांग्रेस के संभावित जाट उम्मीदवार के मुकाबले में गैर जाट चेहरा मैदान में उतारने की रणनीति बनाई। इसी के चलते गोबिंद कांडा को टिकट आवंटन से चंद दिन पहले ही भाजपा ज्वाइन करवाई गई। वहीं, जब चारों ओर भाजपा-जजपा नेताओं का विरोध हो रहा था और सरकार के तमाम बड़े चेहरे इलाके में घुसने से बच रहे थे तो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ एक अच्छे टीम लीडर के तौर पर सामने आए और कागदाना में गठबंधन प्रत्याशी के लिए पहली बड़ी जनसभा की। इस जनसभा के आयोजन से उन्होंने न सिर्फ पार्टी के अन्य नेताओं, बल्कि सरकार में शामिल नेताओं में भी जोश भरने का काम किया। इसके बाद ही गठबंधन के अन्य नेताओं ने सभाएं व जनसभाएं शुरू की।

 

-------------------

 

*जजपा की भी दिखी मेहनत*

 

इस उपचुनाव में जजपा की ओर से डॉ अजय सिंह चौटाला, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला, प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह आदि फील्ड में उतरे। उन्होंने न सिर्फ गठबंधन उम्मीदवार के लिए वोट मांगे, बल्कि अपनी पार्टी के वोट ट्रांसफर कराने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वहीं, जजपा की ओर से मजबूत रणनीतिकार के तौर पर कैप्टन मीनू बैनीवाल भी इस चुनाव में ऐलनाबाद हलके में आम जनमानस के बीच सार्वजनिक हो गए।

 

----------------------

 

*कांडा-बैनीवाल की हार की हैट्रिक*

 

ऐलनाबाद के उपचुनाव में कई रिकॉर्ड भी बने, जो लंबे समय तक याद रखे जाएंगे। इस जीत के साथ ही अभय सिंह चौटाला लगातार चौथी बार विधायक बने तो उन्होंने अपने राजनीतिक कैरियर का लगातार तीसरा उपचुनाव भी जीता। वहीं, भाजपा-जजपा उम्मीदवार गोबिंद कांडा व कांग्रेस प्रत्याशी पवन बैनीवाल की हार की हैट्रिक बनी। गोबिंद कांडा इससे पहले रानिया विधानसभा क्षेत्र से दो चुनाव हार चुके हैं। वहीं, पवन बैनीवाल ऐलनाबाद हलके में भाजपा की टिकट पर लगातार दो बाद दूसरे नंबर पर रहे, लेकिन इस बार जमानत जब्त कराने के साथ हार की हैट्रिक भी अपने नाम कर गए।

 

------------------

 

*टिकट दिलाने के मामले में सैलजा जीती, विरोधियों ने हराया*

 

उपचुनाव से ऐन पहले भाजपा की टिकट पर दो बार लगातार दूसरे नंबर पर रहने वाले व अभय सिंह चौटाला के पुराने साथी पवन बैनीवाल को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कांग्रेस में शामिल करवाया। कांग्रेस में लाते ही उन्होंने पवन बैनीवाल को कांग्रेस का टिकट दिलवा दिया। टिकट दिलाने के मामले में कुमारी सैलजा की बड़ी जीत यहां जरूर रही, क्योंकि जिस वायदे के साथ वे बैनीवाल को कांग्रेस में लेकर आई थी, उसे पूरा करवा दिया। इससे प्रदेश कांग्रेस के नेताओं में सीधा संदेश गया कि पार्टी में अध्यक्ष ही सर्वोपरि है। लेकिन, इसके साथ ही कांग्रेस के तमाम धड़े भीतरघात पर उतारू हो गए, जिसके चलते बैनीवाल की जमानत जब्त हो गई। विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने यहां जनसभा की, लेकिन भाषण गोलमोल देकर गए, जिसके बाद उसी दिन से हुड्डा खेमा इस चुनाव से दूरी बनाए रहा। उनके बेटे राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा भी आए तो जरूर, लेकिन वे भी खानापूर्ति ही करते दिखाई दिए। पूर्व में प्रत्याशी रहे भरत सिंह बैनीवाल भी दिखावे के तौर पर एक बार सामने तो आए, लेकिन इलाके में उनके समर्थकों के बीच झंडा अलग-डंडा अलग वाली कहावत चलती रही। ऐसे में सैलजा के अलावा किसी भी कांग्रेसी नेता ने यहां पर कोई मेहनत ही नहीं की और पवन बैनीवाल का चुनाव शुरुआत से ही उतना नहीं उठ पाया, जितनी उम्मीद बनी हुई थी।

 

*-- अजय दीप लाठर, लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक हैं।*

Have something to say? Post your comment
 
More Haryana News
नियम की अनदेखी करने पर होगी सख्त कार्रवाई दिया किस ने सख्त आदेश पड़िये पुरी खबर
पंचकूला में सात सरोकार, उनका हो गया बंटाधार -ओ पी सिहाग विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें मिलकर कड़ा परिश्रम करना होगा, जिसके लिए हमारे पास 24 वर्ष हैं - राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय
*अब खेल मात्र खेल नहीं रह गया है, बल्कि सुनहरे भविष्य और उज्ज्वल कैरियर की गारंटी बन गया है- श्रीमती कमलेश ढंाडा* *
*9 वर्षो में पंचकूला विधानसभा क्षेत्र में हुए 5 हजार करोड से अधिक के विकास कार्य-गुप्ता*
महाराजा अग्रसेन वेलफेयर ट्रस्ट पंचकुला को गणतंत्र दिवस पर किया सम्मानित
-गणतंत्र दिवस के साथ देशभक्तों के त्याग और बलिदान की जुड़ी हुई है एक लंबी गौरवगाथा-गुप्ता
भगवान गणेश जी से की प्रार्थना वह भी नहीं आई काम सेक्टर 9 की रेहड़ी मार्केट जलकर राख
हरियाणा ब्रेकिंग* *आज से फरीदाबाद में हरियाणा बीजेपी का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शुरू*
हरियाणा विधानसभा बनाए जाने के मुद्दे पर मान सरकार के मंत्री को दिया जवाब हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ने