शिमला , 15 मई ( इंद्रा गुप्ता ) : सलूणी के अंतर्गत आने वाली सुंडला पीएचसी में स्टाफ की कमी होने से लोगों भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार ने कई जगहों पर पीएचसी अस्पताल बना रखे हैं। परंतु इन पीएचसी और अस्पताल का फायदा लोगों को नहीं मिलता है। कई जगह स्टाफ की कमी तो कई जगह दवाइयों की कमियां अक्सर देखने को मिलती हैं। वहीं हाल है सुंडला की पीएचसी का जहां पर स्टाफ की कमी होने से दूर दराजों के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। प्रशासन की नाकामी यहां साफ नजर आती हुई नजर आ रही है। केंद्र में BJP की सरकार और हिमाचल प्रदेश में भी बीजेपी की सरकार है उसके बावजूद भी अस्पतालों की हालत बहुत दयनीय है।
क्योंकि कहीं पर दवाइयां तो कहीं पर स्टाफ की कमी है। ग्रामीण लोगों के लिए तो सरकार का होना या न होना एक सामान है क्योंकि जब इलेक्शन होते हैं तो कई नेता लोग बड़े बड़े वादे करते हैं। परंतु जब यह विधायक या मंत्री बन जाते हैं तो उसके बाद लोगों के बारे में सोचना बिल्कुल ही बंद कर देते हैं। लोगों की प्रशासन से मांग है कि जल्द ही सुंडला पीएचसी में स्टाफ की कमी को किया पूरा किया जाये।
स्थानीय निवासी व मरीज़ और वहीं दूसर तरफ स्थानीय निवासियों व पीएचसी में आए मरीजों का कहना है कि यहां पीएचसी में एक ही डॉक्टर है और यहां पर प्रतिदिन 200 से 300 मरीज आते हैं। जिसके चलते एक ही डॉक्टरहोने की वजह से लोगों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। क्योंकि एक डॉक्टर कितने लोगों को संभाल सकता है। यहां पीएचसी में मरीजों की लाइन लगी होती है और यहां पर उपस्थित डॉक्टर बहुत ही अच्छी तरह से मरीजों की देखरेख करते हैं।
हम लोग चाहते हैं कि इस पीएचसी में एक और डॉक्टर उपलब्ध करवाया जाए ताकि दूर दराज से आए लोगों को परेशानियों का सामना ना करना पड़े और सुंडला में सीएचसी होना भी बहुत जरूरी है। ताकि यहां पर मरीजों के लिए बेड की सुविधा व और डॉक्टरों की नियुक्ति भी कराई जाये।