अग्रजन पत्रिका से सत्यनारायण गुप्ता-
पंजाब अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य सलिल जैन ने पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री एवं सामाजिक न्याय सशक्तिकरण और अल्पसंख्यक मंत्री साधु सिंह धर्मसोत को ज्ञापन दिया। इस ज्ञापन में उन्होंने दीवान टोडर मल जैन की जहाज हवेली को हेरिटेज घोषित करने की मांग की। इस समय श्री कैलाश चंद जैन,अणुव्रत समिति के सदस्य श्री तेजिंदर भारद्वाज जी भी उपस्थित थे। सलील जैन ने कहा दीवान टोडर मल जैन सरहिंद के एक धनी व्यापारी थे, जिन्होंने श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के दो छोटे साहिबजादों जोरावर सिंह, फतेह सिंह और माता गुजरी का दाह संस्कार किया था।मुग़ल अधिकारियों द्वारा साहिबज़ादों को धर्म के प्रति अपनी आस्था न त्यागने पर उनको नींव में चिनवा दिया था, जिसके कारण उनकी शहादत मिली । माता गुजरी जी ने इस सदमे में प्राण त्याग दिए थे।
श्री जैन ने कहा श्री टोडर मल जैन समाज के अमूल्य निधि थे। श्री टोडर मल जी जैन धर्म से संबंधित होते हुए भी उनके मन में सर्व धर्म सम् भावना की विचारधारा भरी हुई थी।उन्होंने नया आदर्श प्रस्तुत करते हुए मुगल सरकार की परवाह न करते हुए श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के दोनों छोटे सहबजादों और माता गुजरी जी का दाह संस्कार किया था।
मुगल अधिकारियों ने सरकारी जमीन पर उनके अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया, यह फरमान जारी कर दिया था कि अंतिम संस्कार किसी द्वारा खरीदी गई जमीन पर ही किया जा सकता था। इतना ही नहीं, बल्कि जमीन के आवश्यक क्षेत्र को सोने के सिक्कों (अशर्फियों) से ढ़ककर ही खरीदा जा सकता था।
टोडर मल ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ा और आवश्यक सिक्कों को नीचे रख कर जमीन की व्यवस्था की थी।सिख समाज में उनके इस त्याग के लिए उनको सर्वोत्तम दर्जा दिया जाता है। सलिल जैन ने कहा श्री दीवान टोडर मल जैन की जहाज हवेली हेरिटेज बनने के बाद भारत के इतिहास को नया स्वरूप प्रदान करेगी। कोरोना जैसे महामारी को निपटने के लिए सरकार के साथ समाजिक संस्थाएं भी अपना योगदान दे रही हैं, इससे लगता है टोडर मल जैन के सेवा भाव के संस्कार आज भी समाज में संजोए हुए हैं।