लोकसभा चुनाव से पहले 1 फरवरी को देश का अंतरिम बजट पेश होने वाला है. मोदी सरकार के इस बजट से हर वर्ग के लोगों को उम्मीद है. वहीं 2018 के आम बजट को देखते हुए देश की महिलाओं के लिए भी अंतरिम बजट काफी अहम माना जा रहा है. दरअसल, बीते साल के आम बजट में कामकाजी और ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को कई खास तोहफे दिए गए थे. लोकसभा चुनाव को देखते हुए मोदी सरकार के अंतरिम बजट में महिलाओं के लिए बड़े ऐलान हो सकते हैं.
महिला सुरक्षा सबसे अहम
वैसे तो हर साल के आम बजट में मोदी सरकार महिला सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर करती रही है लेकिन इस दिशा में अब भी ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. निर्भया फंड इस बार के अंतरिम बजट में महिलाओं की सार्वजनिक स्थल पर सुरक्षा पर फोकस होने की उम्मीद है. महिलाओं की उच्च शिक्षा सस्ती होने के अलावा नया कारोबार शुरू करने के लिए सस्ते ब्याज पर ऋण को लेकर भी अहम फैसला हो सकता है.
महिलाओं के इस्तेमाल की चीजों पर सरकार का विशेष ध्यान हो सकता है. बता दें कि महिलाओं के इस्तेमाल की चीजों पर जीएसटी काउंसिल ने राहत दे दी थी. बीते साल सैनेटरी पैड को जीएसटी के दायरे से बाहर रख दिया गया था तो वहीं कॉस्मेटिक प्रोडक्ट के जीएसटी स्लैब में भी कटौती की जा चुकी है. अगर कामकाजी महिलाओं के लिए बात करें तो उनकी आयकर की सीमा बढ़ाई जा सकती है.
नौकरीपेशा महिलाओं के लिए स्पेशल था बजट
मोदी सरकार ने बजट 2018 में महिलाओं पर खास फोकस रखा था. बजट में कामकाजी महिलाओं को राहत देते हुए उनकी पीएफ मदद को पहले 3 साल 8 फीसदी करने का ऐलान किया. इससे पहले तक पुरुष और महिला दोनों के लिए यह मदद 12 फीसदी था. सरकार के इस फैसले के बाद कामकाजी महिलाओं की इन हैंड सैलरी में इजाफा हुआ.
इस फैसले का सबसे ज्यादा फायदा मध्यम वर्ग की महिलाओं को मिला. वहीं पिछले बजट में ग्रामीण इलाकों की गरीब महिलाओं के लिए भी खास ऐलान किया गया था. बजट के दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन देने का ऐलान किया. पहले इस योजना के तहत करीब 5 करोड़ महिलाओं को ही यह सुविधा दिए जाने का लक्ष्य था. वहीं सरकार ने महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए कर्ज के लक्ष्य को बढ़कार बढ़ाकर 75,000 करोड़ रुपये और महिलाओं की राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की राशि को बढ़ाकर 5 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा करने का भी ऐलान किया गया.
2017 के बजट में क्या मिला था
2017 के बजट में महिलाओं के स्किल डेवलपमेंट पर फोकस था. इसके लिए 1.84 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था. वहीं प्रेग्नेंट महिलाओं के अकाउंट में सीधे 6,000 रुपये ट्रांसफर करने का ऐलान किया गया था. वहीं सस्ता लोन देने के लिए नेशनल हाउसिंग बैंक को 20,000 करोड़ की राशि देने की बात कही गई थी.