मोदी सरकार आम लोगों को आने वाले दिनों में सस्ते घर का तोहफा दे सकती है.दरअसल, बीते महीने 10 जनवरी की बैठक में जीएसटी काउंसिल ने रियल एस्टेट क्षेत्र की दिक्कतों या चुनौतियों का पता लगाने और टैक्स स्लैब की समीक्षा के लिए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) का गठन किया था. गुजरात के उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल की अध्यक्षता में GoM ने अपनी पहली बैठक में निर्माणाधीन आवासीय परियोजनाओं के मकानों पर जीएसटी की दर 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने का पक्ष लिया है.
अगर जीओएम की इस बात को जीएसटी काउंसिल मान लेती है तो निर्माणाधीन मकानों की कीमतों में बड़ी कटौती होगी. बता दें कि इस GoM में नितिन पटेल के अलावा महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री, तथा गोवा के पंचायत मंत्री माउविन गोदिन्हो शामिल हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अधिकारियों ने कहा कि GoM एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देगा. इसके अलावा आगामी जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस रिपोर्ट को रखेगा. एक अधिकारी के मुताबिक GoM आवासीय घरों पर जीएसटी की दरों को बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट के कम करके 5 फीसदी और किफायती आवास पर स्लैब को घटाकर 3 फीसदी करने के पक्ष में है.
अभी क्या है स्लैब
वर्तमान में निर्माणाधीन संपत्तियों और ऐसे तैयार फ्लैट जहां बिक्री के समय कार्य पूरा होने का प्रमाणपत्र नहीं दिया गया, उनके भुगतान पर 12 फीसदी की दर से जीएसटी लगाया जाता है. इससे पहले जब जीएसटी लागू नहीं था तब इन संपत्तियों पर 15 से 18 फीसदी की दर से टैक्स लगाया जाता था.
बता दें कि बीते जीएसटी लागू होने के बाद ऐसी शिकायतें मिलीं कि बिल्डर संपत्तियों के दाम में कमी लाकर ग्राहकों को इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं दे रहे हैं. हालांकि ऐसी रीयल एस्टेट संपत्ति जिसके लिए बिक्री के समय कार्य पूरा होने संबंधी प्रमाणपत्र जारी हो चुका है, उनके खरीदारों पर जीएसटी नहीं लगाया जाता है.