आयकर रिटर्न के लिए लोगों को महीनों इंतजार करना पड़ता है. इसके अलावा अगर आपने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरा है तो उसके अप्रूवल के लिए मौजूदा समय में 63 दिन का वक्त लगता है. लेकिन आयकर विभाग की नई पहल से केवल एक दिन में ITR की जांच पड़ताल कर उसे फाइनल किया जाएगा.
दरअसल केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आयकर की ई-फाइलिंग, जांच-पड़ताल और टैक्स रिफंड की पूरी प्रक्रिया को फास्ट और सुगम को बनाने के लिए अगली पीढ़ी की प्रणाली लागू करने की योजना को मंजूरी दे दी है. इस 4,241.97 करोड़ रुपये की परियोजना का काम दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस को देने का फैसला किया गया है.
केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि नई प्रणाली लागू होने से रिटर्न की जांच पड़ताल का समय 63 दिन से घटकर एक दिन रह जाएगा और साथ ही रिफंड की प्रक्रिया को भी तेज किया जा सकेगा. उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आयकर विभाग की एकीकृत ई-फाइलिंग एंड सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (सीपीसी) 2.0 परियोजना के लिए 4,241.97 करोड़ रुपये के व्यय को मंजूरी दी गई.'
केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी देते हुए गोयल ने कहा कि इस नयी प्रणाली को करीब डेढ़ साल में तैयार किया जाएगा. इसका तीन महीने तक परीक्षण किया जाएगा और उसके बाद इसे लागू किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि इस काम के लिए इंफोसिस को चुना गया है. CPC परियोजनाओं के तहत आयकर विभाग में समस्त प्रक्रियाओं का एंड टु एंड ऑटोमेशन किया जाएगा, इसके लिए विभिन्न नवोन्मेषी तरीकों का इस्तेमाल किया जाएगा. मंत्रिमंडल ने मौजूदा सीपीसी-आईटीआर 1.0 परियोजना के लिए 2018-19 तक 1,482.44 करोड़ रुपये की एकीकृत लागत को भी मंजूरी दी है.
इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में अभी तक 1.83 लाख करोड़ रुपये के कर रिफंड जारी किए गए हैं. गोयल की मानें तो इस फैसले से जहां पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी, वहीं रिटर्न की तेजी से जांच हो सकेगी और रिफंड प्रक्रिया भी तेज होगी. साथ ही इससे करदाताओं को जागरूक और शिक्षित करने में भी मदद मिलेगी.