भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) कॉमन सर्विस सेंटर्स (CSC) को आधार रजिस्ट्रेशन और उन्हें अपडेट करने संबंधी नॉन-बॉयोमीट्रिक सर्विसेज उपलब्ध कराने की अनुमति दे सकता है. इन सेंटर्स को लोगों के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरने में मदद देने जैसी सर्विसेज देने की अनुमति भी दी जा सकती है.
CSC का संचालन करने वाले गांव स्तर के उद्यमी यानी वीएलई उन्हें आधार रजिस्ट्रेशन और उससे जुड़ी जानकारी को अपडेट करने संबंधी सर्विसेज फिर से शुरू करने की अनुमति देने का सरकार से आग्रह करते रहे हैं. इससे पहले 120 करोड़ आधार धारकों के बॉयोमीट्रिक आंकड़ों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यूआईडीएआई ने इन केंद्रों और निजी सर्विस प्रोवाइडर को ये सुविधाएं उपलब्ध कराने से रोक दिया था.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि सीएससी को रजिस्ट्रेशन और सूचना अपडेट करने संबंधी गतिविधियों के लिए ऑनलाइन आधार फॉर्म भरने में आम लोगों की सहायता करने की अनुमति देने पर विचार किया जा रहा है. हालांकि, इसमें किसी तरह की बॉयोमीट्रिक गतिविधि शामिल नहीं होगी.
अधिकारी ने बताया कि ये सेवाएं ग्रामीणों और ऐसे लोगों के लिए मददगार साबित हो सकती हैं, जो ऑनलाइन व्यवस्था से अवगत नहीं है. इन केंद्रों को मदद के बदले मामूली शुल्क लेने की इजाजत भी दी सकती है. यह प्रस्ताव अधिकतर सेवाओं को ऑनलाइन उपलब्ध कराने के यूआईडीएआई के प्रस्ताव से भी जुड़ा है. सरकार ने इससे पहले सीएससी से कहा था कि सेवाओं को फिर से शुरू करने की अनुमति देने की उनकी अपील पर विचार किया जाएगा.