पिछले 43 साल में पहली बार विश्व कप में पदक जीतने का भारतीय हॉकी टीम का सपना क्वार्टर फाइनल में नीदरलैंड से 1-2 से मिली हार के साथ टूट गया और आक्रामकता के इस मुकाबले में डच टीम का अनुभव मेजबान पर भारी पड़ा. अब सेमीफाइनल में 15 दिसंबर को इंग्लैंड का सामना बेल्जियम से और ऑस्ट्रेलिया का नीदरलैंड से होगा. खचाखच भरे कलिंगा स्टेडियम पर मौजूद करीब 15000 दर्शकों ने पूरे साठ मिनट ‘ चक दे इंडिया’, ‘जय हिंद ’ और ‘कम ऑन इंडिया ’ के नारे लगाकर भारतीय टीम की हौसलाअफजाई में कोई कसर नहीं छोड़ी. मैच देखने के लिए स्टार क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग भी पहुंचे थे.
भारतीय टीम ने अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन भी किया, लेकिन 50वें मिनट में वान डेर वीरडेन मिंक के पेनल्टी कॉर्नर पर किए गोल ने उसे इतिहास रचने से रोक दिया. मैच का पहला गोल 12वें मिनट में भारत के लिए आकाशदीप सिंह ने किया, जबकि नीदरलैंड के लिए 15वें मिनट में थियरे ब्रिंकमैन ने बराबरी का गोल दागा.
तीन बार की चैम्पियन और पिछली उपविजेता नीदरलैंड को भारतीयों ने 50वें मिनट तक बराबरी पर रोके रखा. भारतीय डिफेंडरों ने खास तौर पर बेहतरीन प्रदर्शन करते डच फॉरवर्ड पंक्ति के कई शानदार मूव गोल में तब्दील नहीं होने दिए. भारतीय टीम ने पहले मिनट से ही आक्रामक हॉकी खेलते हुए पहले क्वार्टर में कई हमले बोले. तीसरे मिनट में हार्दिक सिंह से गेंद लेकर ललित उपाध्याय ने सर्कल के भीतर आकाशदीप को क्रॉस दिया, जो ट्रैप नहीं कर सके.