साहित्य आजतक 2018 के अंतिम दिन हल्ला बोल मंच के 'लोकतंत्र के सितारे' सेशन में वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई, भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी और 1983 वर्ल्ड कप विजेता भारतीय टीम के सदस्य मदन लाल ने शिरकत की. इस सेशन को सीनियर एग्जीक्यूटिव एडिटर स्पोर्ट्स विक्रांत गुप्ता ने संचालित किया. इस सेशन में क्रिकेट पर राजदीप सरदेसाई की लिखी किताब 'लोकतंत्र के सितारे' का विमोचन किया गया.
अपने जमाने में फिटनेस लेवल पर बात करते हुए बिशन सिंह बेदी ने कहा, 'मैं उस समय अपने वजन की वजह से भारतीय टीम के सबसे अनफिट खिलाड़ियों में से एक था. बेदी ने कहा, 'नबाब पटौदी जैसा कप्तान मैंने नहीं देखा जब वह कप्तानी थे तो टीम मीटिंग ने खिलाड़ियों को बताते थे कि हम पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र और बंगाल के लिए नहीं भारत के लिए खेल रहे हैं.'
आज बीसीसीआई के वर्ल्ड क्रिकेट में बड़े रुतबे पर बात करते हुए बिशन सिंह बेदी ने कहा, आज समय बदल गया है और बीसीसीआई का रुतबा अलग है. आज भारतीय बोर्ड को किसी के आगे झुकना नहीं पड़ता. पहले ICC मीटिंग में भारत के प्रतिनिधि भिखारी की तरह जाते थे.'
मदन लाल ने कहा, 'मैं और बिशन सिंह बेदी एक ही शहर अमृतसर से हैं और एक ही कॉलेज से पढ़े हैं. वह हमारे मेंटर रहे. मदन लाल ने कहा, '1983 का वर्ल्ड कप जीतने के बाद भारतीय क्रिकेट की तस्वीर बदल गई. आज देखे तो क्रिकेट के अलावा और भी खेलों में भारत के खिलाड़ी अच्छा कर रहे हैं.'
वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने कहा, 'आज क्रिकेट कितना बदल गया है और क्रिकेट में पैसा कितना बढ़ गया है. आज विराट कोहली को बैट पर एक स्टिकर लगाने के 20 करोड़ रुपये मिलते हैं और एक वक्त था जब 1983 का वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम को मुंबई में लता मंगेशकर के म्यूजिक कंसर्ट में 20 हजार रुपये मिले थे.
राजदीप सरदेसाई ने कहा, 'आज किसी भी क्रिकेटर से बात करना और फोन करना मुश्किल है. आज अगर पत्रकार धोनी और कोहली का इंटरव्यू करना चाहते हैं तो पहले उनके एजेंट से बात करनी पड़ती है.' IPL के बारे में बिशन सिंह बेदी ने कहा, 'आईपीएल से बड़ा स्कैम और कोई नहीं है, पैसा कहां आता है और कहां जाता है किसी को नहीं पता. आईपीएल के दूसरे सीजन में साउथ अफ्रीका में फिक्सिंग हुई थी.'
विराट कोहली की तारीफ करते हुए बेदी ने कहा, 'विराट कोहली बतौर खिलाड़ी और बतौर कप्तान बहुत अलग है. विराट कोहली का मैं बहुत बड़ा मुरीद हूं, क्योंकि शायद ही भारतीय क्रिकेट में ऐसा कोई होगा जो कोहली की तरह इंटेंस है. ऑस्ट्रेलिया में टीम इंडिया की जीत की संभावनाओं पर बेदी ने कहा, 'इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका की कमजोर टीमों के खिलाफ भारत के पास टेस्ट सीरीज जीतने का अच्छा मौका था, लेकिन भारत नहीं जीत पाया. स्मिथ और वॉर्नर के बैन को तवज्जो न देते हुए उन्होंने कहा दो खिलाड़ियों के नहीं खेलने से टीम पर कोई असर नहीं पड़ता. सिर्फ दो खिलाड़ियों से टीम नहीं बनती है.
आपको बता दें कि बिशन सिंह बेदी लेफ्ट आर्म स्पिनर थे. बेदी ने 1966 से 1979 तक टेस्ट क्रिकेट खेला. उन्होंने कुल 67 टेस्ट मैचों में 266 विकेट लिए. वह 22 टेस्ट मैचों में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान भी रहे. घरेलू क्रिकेट में बेदी 15 साल की उम्र से उत्तर पंजाब के लिए खेलते थे. वह 1968-69 और 1974-75 के रणजी ट्रॉफी सीजन के लिए दिल्ली चले गए, जहां उन्होंने रिकॉर्ड 64 विकेट झटके. बेदी बहुत समय तक इंग्लिश काउंटी क्रिकेट की नॉर्थम्प्टनशायर के लिए भी खेले. बेदी को 1976 में भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बनाया गया. वह मंसूर अली खान पटौदी के बाद कप्तान बने थे.
बेदी की कप्तानी में पहली बार टेस्ट मैच वेस्टइंडीज के विरूद्ध 1976 में पोर्ट-ऑफ-स्पेन में जीता गया था. इसके बाद, भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ भी टेस्ट सीरीज 2-0 से जीती. भारत न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत में ही, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ और पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज हार गया. इन हार के बाद, कप्तानी बिशन सिंह बेदी से छीनकर, सुनील गावस्कर को दे दी गई.
1983 वर्ल्ड कप विजेता भारतीय टीम के सदस्य मदन लाल ने साल 1974 में बतौर ऑलराउंडर भारतीय टीम में एंट्री की थी. उन्होंने मैनचेस्टर में इंग्लैंड के खिलाफ पहला टेस्ट खेला था. 13 साल तक वह भारत की राष्ट्रीय टीम का हिस्सा रहे. इस दौरान मदन लाल ने 39 टेस्ट खेले जिसमें उन्होंने 22.65 की औसत से 1042 रन बनाए.
इसमें 5 अर्धशतक भी शामिल हैं. वनडे मैचों की बात करें तो उनके खाते में 67 मैच आए जिसमें उन्होंने 19.09 की औसत से सिर्फ 401 रन बनाए. जिसमें सिर्फ एक अर्धशतक शामिल है. मदन लाल 2 साल तक सेलेक्शन कमिटी के सदस्य भी रहे थे.