मुंबई, 30 मई ( इंद्रा गुप्ता ) : रोहित शर्म टीम इंडिया की वनडे टीम की रन मशीन माने जाते हैं लेकिन टेस्ट को लेकर अब तक उन्होंने निराश ही किया है. हर क्रिकेटर का सपना होता है कि वह अपने देश की टेस्ट टीम का हिस्सा बने क्योंकि टेस्ट ही एक क्रिकेटर की असली परीक्षा होती है. इस मामले में रोहित शर्मा अब तक कोई ख़ास सफलता हासिल नहीं कर पाए हैं. हाल ही में साउथ अफ़्रीका के दौरे पर भी उन्होंने निराश ही किया था. लेकिन रोहित का कहना है कि उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं कि उन्हें टेस्ट टीम में लिया जाता है या नही. रोहित ने कहा कि उनका लगभग आधा क्रिकेट करिअर ख़त्म हो चुका है और वह बाक़ी क्रिकेट का आनंद लेना चाहते हैं.
रोहित ने कहा, "एक खिलाड़ी के नाते आपके पास सीमित समय होता है और मैं इसका आधा ख़त्म कर चुका हूं. अब ये सोचने की कोई तुक नहीं है कि मुझे टीम में चुना जाएगा या नहीं. मैं तो इस सिद्धांत के साथ आगे बढ़ रहा हूं कि जो भी समय बचा है उसका सार्थक उपयोग करुं." रोहित शर्मा यहां टेस्ट क्रिकेट का ज़िक्र कर रहे थे.
ग़ौरतलब है कि सीमित ओवरों के क्रिकेट में शानदार रिकॉर्ड के बावजूद रोहित टेस्ट में चमक नहीं सके हैं. वनडे में उनके नाम तीन डबल शतक हैं लेकिन 25 टेस्ट मैचों में उन्होंने 39.97 की औसत से 1479 रन ही बनाए हैं. साउथ अफ़्रीका में ख़राब प्रदर्शन के बाद उन्हें अफ़ग़ानिस्तान के खिलाफ़ एकमात्र टेस्ट के लिए टीम में शामिल नहीं किया गया है. ये टेस्ट मैच 14 जून से बेंगलोर में खेला जाएगा.
मैं ऐसे मुक़ाम पर नहीं हूं कि टीम में चयन को लेकर परेशान हूं
लेकिन रोहित को कोई शिकायत नही है. उनका कहना है कि वह अपने करिअर के ऐसे मुक़ाम पर हैं जहां वह सिलेक्शन के बारे में नहीं सोचते. "मैं ऐसे मुक़ाम पर नहीं हूं कि टीम में चयन को लेकर परेशान हूं. मुझे खेल में मज़ा आना चाहिए. मेरे करिअर के पहले 5-6 साल में सोचता था कि मेरा सिलेक्शन होगा या नहीं? मैं खेलुंगा या नही?' लेकिन अब ये खेल का आनंद लेने का समय है. ये तमाम चीज़े आप पर दबाव बनाती हैं. बजाय दबाव लेने के बेहतर होगा कि आप जो कर रहे हैं उसका मज़ा लें.''
हर चीज़ का एक वक़्त होता है
रोहित ने कहा, "मैं जब 20 साल का था, मेरा सिलेक्शन राष्ट्रीय टीम में हो गया और 26 साल की उम्र में मैंने अपना पहला टेस्ट मैच खेला. मुझे 2010 में डेब्यू करने का मौक़ा मिला था लेकिन (मैट की सुबह वार्मअप के दौरान चोट लगने की वजह से) मैंने गवां दिया. उसके बाद मुझे एहसास हुआ कि आप जितना चाहते हैं, आपका रवैया बदलता जाता है. मुझे एहसास हुआ है कि हर चीज़ का एक वक़्त होता है. "हर चीज़ का समय और स्लॉट होता है. उस समय सचिन, राहुल द्रविड, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली खेल रहे थे इसलिए हमें इंतज़ार करना पड़ा. एक पाइंट के बाद मुझे लगा कि इस बारे में सोचने का कोई मतलब नही है. ये सोचने का कोई मतलब नहीं है कि सिलेक्टर्स क्या कर रहे हैं."
अफ़सोस करने का समय नही है
ये पूछे जाने पर कि अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ टेस्ट टीम में नहीं लिये जाने से क्या उन्हों हैरानी हुई, रोहित ने कहा: "मुझे हैरानी नही हुई. जैसा कि मैंने कहा, मैं सिर्फ़ खेल का मज़ा ले सकता हूं. अफ़सोस करने का समय नही है. पहले मेरे पास अफ़सोस करने का बहुत समय था. आगे बड़े इवेंट होने वाले हैं इसलिए बेहतर होगा कि उन पर ध्यान दिया जाए."
रोहित ने माना कि IPL में वह ख़ुद अपनी अपेक्षाओं पर ख़रे नहीं उतर पाए. उन्होंने कहा कि उनका शॉट सिलेक्शन ग़लत था. मुबई इंडियंस इस सीज़न में प्लेऑफ़ में तक जगह नहीं बना पाई थी.