Saturday, April 27, 2024
Follow us on
 
BREAKING NEWS
राज्य सरकार पंचकूला में पत्रकारिता विश्वविधालय स्थापित करने पर गंभीरता से करेगी विचार-विधानसभा अध्यक्ष*भाजपा पंचकूला ने अल्पसंख्यक मोर्चा के 4 मंडल अध्यक्षों की घोषणा कीजन सरोकार दिवस’ रैली को ऐतिहासिक बनाने के लिए कार्यकर्ता दिन रात एक कर दे - अजय सिंह चौटालानिर्यातक के घर के सामने जमकर प्रदर्शन किया और हर रोज धरना देने का फैसला लिया। कहां की है घटना पढ़िए पूरी खबरअभय सिंह की जीत के बावजूद किसान की करारी हार-- ऐलनाबाद उपचुनाव परिणाम की समीक्षा --- पढ़िए पूरा विश्लेषणमल्टीस्पेशलिटी चेकअप कैंप में 270 लोगों की जांच, 20 आपरेशनविधानसभा अध्यक्ष ने किया अमरटेक्स, इंडस्ट्रियल एरिया फेस-1 में फैक्ट्रियों के मालिकों व श्रमिकों/कर्मचारियों के लिये मैगा कोविशिल्ड वैक्सीनेशन कैंप का उद्घाटन।पेड़-पौधे लगाकर हम धरती माता का श्रृंगार कर सकते हैं: श्रवण गर्ग
 
 
 
Chandigarh

निरंकार प्रभु परमात्मा पर अगर हम आधारित रहेंगे तो निरंकार के गुण हमारे अंदर भी आयेंगेे। भक्ति वह जीवन है जो इस निरंकार के साथ नाता जोड़कर व्यतीत होता है।-सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज

January 13, 2020 09:37 PM
चण्डीगढ़ , 13 जनवरी, - अग्रजन पत्रिका से इंद्रा गुप्ता- निरंकार प्रभु परमात्मा पर अगर हम आधारित रहेंगे तो निरंकार के गुण हमारे अंदर भी आयेंगेे। भक्ति वह जीवन है जो इस निरंकार के साथ नाता जोड़कर व्यतीत होता है। भक्त बनने का मापदण्ड है सहजता का गुण और हर परिस्थिति में चाहे वह प्रतिकूल हो या अनुकूल, निरंकार पर स्थिरता कायम रखना। यह उद्गार सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने भक्ति पर्व के पावन अवसर पर दिल्ली में व्यक्त किए।

 

इस अवसर पर न केवल दिल्ली, ट्राईसिटी से अपितु आसपास के सभी क्षेत्रों से भी हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु भक्त सम्मिलित हुए। सत्संग कार्यक्रम में अनेक वक्ताओं तथा गीतकारों ने शहनशाह बाबा अवतार सिंह जी, बाबा गुरबचन सिंह जी, बाबा हरदेव सिंह जी, निरंकारी राजमाता जी, माता सविंदर हरदेव जी तथा अनेक गुरु भक्तों का उल्लेख किया एवं उनके जीवन से जो शिक्षाएं आज भी हमारा मार्गदर्शन करती हैं, उनकी चर्चा की। यह जानकारी परिमल सिंह काॅरडिनेटर प्रेस एवं पब्लिसिटी विभाग ने दी।

भक्ति की परिभाषा देते हुए सद्गुरु माता जी ने कहा कि -‘भक्ति जितनी आसान है उतनी ही मुश्किल भी।’ परन्तु फिर भी युगों-युगों से इतिहास मंें भक्ति के मार्ग पर चलने के ही दिशा-निर्देश दिये गये हैं। अगर भक्ति के गुण हर व्यक्ति में आ जाते, तो हर व्यक्ति भक्त होता। सद्गुरु माता जी ने फरमाया कि भक्ति तभी शुरू होती है जब यह ब्रह्मज्ञान का वासा हमारे अंदर होता है। भक्ति केवल मन से की जाती है, यह दिखावे का विषय नहीं।

सद्गुरु माता जी ने भक्ति के तीन अहम्साधन-सत्संग, सेवा, सुमिरण के महत्व को भी समझाया कि यह केवल तीन शब्द ही न बनकर रह जायंे। इसे जितना हम जीवन में धारण करेंगे उतनी ही भक्ति हमारे जीवन में दृढ़ होती चली जायेगी।भक्त बनने के गुण प्रीत, नम्रता, विशालता, तंगदिली को छोड़ना, सहजता, करूणा, मन में जो भी सकारात्मक गुण हैं इनको जब तक अपनाते रहें और जीवन में लागू करते रहें तभी यह भक्ति हमारी काय़म रह सकती है।

अंत में सद्गुरु माता जी ने मिशन के बुजुर्गो के भक्ति के साथ अटूट नाते का उदाहरण दिया और संतों को भक्ति मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।

-----------------------------------------------------------

 

Have something to say? Post your comment
 
More Chandigarh News
यारो , अब पटियाला जेल में जमेगी महफिल
वार्ड नंबर 34 के पार्षद गुरप्रीत सिंह गाबी हुए सरगरम,
चंडीगढ़ एंड हरियाणा जर्नलिस्ट यूनियन ने पत्रकारों की मांगों बारे मुख्य सचिव को सौंपा ज्ञापन नववर्ष में निरपेक्ष भाव से हर किसी से प्रेम करते जायें - निरंकारी सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के नतीजों में आम आदमी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी, कांग्रेस पार्टी बाहर से समर्थन दे सकती है आम आदमी पार्टी को चंडीगढ़ क्रिकेट एकेडमी ने जीता जीएस वालिया कप
पेट्रोल पंप पर मॉक ड्रिल का आयोजन पंप पर तैनात कर्मचारियों को आग बुझाने को लेकर ट्रेनिंग सेशन
गुरदीप सिंह वालिया मेमोरियल महिला क्रिकेट टूर्नामेंट 21 से जनरल विपिन रावत जी एवं अन्य सैनिकों का हेलीकॉप्टर दुर्घटना में आकस्मिक निधन पर श्रद्धांजलि
कांग्रेस ने भाजपा के 6 साल के कुशासन के खिलाफ आरोप पत्र जारी किया