*पंचकूला।*अग्रजन पत्रिका से इंद्रा गुप्ता- खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुधार के लिए स्वास्थ्य विभाग की ट्रेनिंग के बाद सर्टिफिकेट दिए जाने की योजना सराहनीय है। इसका व्यापारियों के साथ साथ हर जनमानस को सीधा फायदा होगा। वहीं, गुणवत्तायुक्त खाद्य पदार्थ बेचना व्यापारियों की नैतिक जिम्मेदारी भी बनती है। हालांकि ज्यादातर व्यापारी शुद्ध और स्वच्छ खाना परोस रहे हैं, पर कुछ लोगों के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर नहीं हैं। ऐसे व्यापारियों का बहिष्कार होना चाहिए। यह बात वरिष्ठ समाजसेवी अरविंद मान (नीटू) ने सेक्टर-16 गवर्नमेंट पॉली क्लीनिक में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित ट्रेनिंग और सर्टिफिकेट वितरण समारोह में व्यापारियों की उमड़ी भीड़ को संबोधित करते हुए कही। अरविंद मान ने कहा कि ट्रेनिंग और रजिस्ट्रेशन के लिए उमड़ रही व्यापारियों की भीड़ यह साबित करती है कि उन्हें लोगों के स्वास्थ्य की चिंता है और वे हाइजेनिक फ़ूड को लेकर गंभीर हैं। प्रशिक्षण में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के अनुसार खाद्य एवं पेय पदार्थों बनाने की प्रक्रिया/विक्रय और उसकी बेहतर गुणवत्ता एवं आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए मानक स्तर के खाद्य एवं पेय पदार्थ का उत्पादन किया जा सके, विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहाहै। खास यह है कि इस दौरान लोगों से सुझाव, शिकायत लेकर जिज्ञासा का भी समाधान किया जा रहा है।
ट्रेनर प्रदीप कुमार ने बताया कि एफएसएसएआई के निर्देश पर हर लाइसेंसधारी खाद्य एवं पेय पदार्थ निर्माता और बिना लाइसेंसधारी खाद्य निर्माताओं/विक्रेताओं एवं सभी खाद्य पदार्थ विक्रेताओं को यह प्रशिक्षण लेना जरूरी है। गैरलाइसेंसधारी व हर लाइसेंसधारी होटल, रेस्टोरेंट एवं बार संचालक भी प्रशिक्षण में शामिल होंगे। प्रशिक्षण के बाद प्रमाण-पत्र जारी किया जा रहा है, जिससे साबित होता है कि उक्त व्यक्ति खाद्य पदार्थ का कारोबार कर सकता है। रजिस्ट्रेशन न कराने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वर्ष 2011 से लागू इस नियम पर सख्ती से अमल करने के आदेश एफएसएसएआई ने दिए हैं। ऐसे में आनेवाले दिनों में खाद्य पदार्थ विक्रेताओं ने प्रशिक्षण प्रमाणपत्र नहीं दिखाया तो अन्न व औषधि विभाग की ओर से इन पर कार्रवाई होगी। इससे खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता के साथ सुरक्षिता भी रहेगी।
*प्रशिक्षण अनिवार्य*
खाद्य पदार्थ विक्रेताओं की संख्या लगातार बढ़ने में खान-पान में असुरक्षिता भी बन रही है, जिसमें किराना व्यवसायी से लेकर पकोड़े बेचनेवाले, फ्रूट्स बेचने वाले, बड़े हॉटेल्स भी शामिल हैं, लेकिन अब यह मनमाने ढंग से खाद्य पदार्थ नहीं बेच सकेंगे बल्कि इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण लेना पड़ेगा। प्रशिक्षण के बाद एक प्रमाण पत्र और किट दी जा रही है। साथ ही साफ-सफाई रखने और गुुणवत्ता पूर्वक खाद्य वस्तुएं लोगों को उपलब्ध करवाने के बारे में जागरूक किया जा रहा है। इस सर्टिफिकेट से प्रमाणित होगा कि वहां काम करने वाला स्टाफ हाईजीन और फूड सेफ्टी के लिए ट्रेंड है या नहीं। हर प्रशिक्षु कारोबारी को गोल्डन रूल्स ऑफ एफएसएसएआई, हेड मास्क, एप्रेन और माऊथ मास्क भी प्रशिक्षण के दौरान प्रदान किया जा है।
*यहां कराएं रजिस्ट्रेशन*
ट्रेनिंग और सर्टिफिकेट के लिए सेक्टर 16 स्थित गवर्नमेंट पॉलीक्लीनिक के ग्राउंड फ्लोर पर यह व्यवस्था की गई है। कारोबारी यहां रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। तीन माह के अंदर हर कारोबारी को ट्रेनिंग लेनी होगी, जिसके पास यह सर्टिफिकेट नहीं होगा वह कारोबार नहीं कर सकेगा और सरकार सख्त कार्रवाई करेगी।