अम्बाला, 13 नवम्बर:- अग्रजन पत्रिका से इंद्रा गुप्ता- माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनुपालना में प्रदेश सरकार ने छोटे व सीमांत किसानों को पराली न जलाने पर गैर-बासमती धान पर 100 रूपए प्रति किवंटल प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया है। यही नहीं, गैर-बासमती धान के फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए कस्टम हाइरिंग सेंटर व स्ट्रॉ-बेलर यूनिट संचालकों को परिचालन लागत के रूप में 1000 रूपए प्रति एकड़ का खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने उद्योग, नवीकरणीय ऊर्जा और परिवहन विभागों को हिदायतें दी हैं, कि पराली का उद्योगों में उपयोग और प्रयोग करने के लिए लिंक स्थापित करें ताकि पराली का सदुपयोग किया जा सके।
सहायक कृषि अभियंता विनीत मरवाहा ने बताया कि फसल अवशेषों के उचित निपटान और एक्स-सीटू व इन-सीटू प्रबंधन के उचित क्रियान्वयन के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। हर जिले में कंट्रोल रूप भी बनाया जा रहा हैं। उच्च स्तर के आई.ए.एस. अधिकारियों को हर जिले में इस योजना के मार्गदर्शन और निगरानी के लिए नियुक्त किया गया है। इस सन्दर्भ में जब डीसी अशोक कुमार शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जिला के किसानों को फाने न जलाने व पराली प्रबन्धन के लिए जागरूक किया जा रहा हैं। उप-निदेशक कृषि को स्पष्टï निर्देश दिए गए हैं कि वे अपनी पूरी टीम के साथ किसानों को फाने न जलाने के प्रति जागरूक करें, इतना ही नहीं डीडीपीओ के माध्यम से भी पंचायती राज संस्थाओं को ऐसा न करने के लिए जागरूक किया जा रहा हैं।
बॉक्स:- इसी विषय को लेकर नायब तहसीलदार मुलाना ने बताया कि एन्वायरमेन्ट कम्पनसेशन के तहत मुलाना में 2, धनौरा में 3, सरदेहड़ी में 2 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि टगैंल, डुलयानी, सहेेला, कालपी और नन्हेड़ी में 1-1 मामला दर्ज किया गया हैं। प्रति मामले में 2500-2500 सौ रूपए जुर्माना करके राशि वसूली गई हैं।