पिंजौर- अग्रजन पत्रिका से इंद्रा गुप्ता/ हरभजन - " मिटी धुंध जग चानन होआ " गुरु नानक देव जी के इस कथनी के महत्व को दर्शाते हुए विद्यालय प्रांगण में गुरु नानक देव जी का 550 वाँ जन्म दिवस बहुत ही भक्तिभाव व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया ।इसके अंतर्गत बच्चों को सिक्ख धर्म की जानकारी देते हुए अनेकों गतिविधियों का आयोजन किया गया ।सर्वप रथम प्रभातफेरी द्वारा बच्चों को प्रभात समय में ईश्वर सिमरन की महत्ता समझाई गई ।जहाँ प्रकाशोत्सव के महत्व को इफरा सैफी और कल्पना ने शब्दों से दर्शाया तो वही शबू " कलधारन गुरु नानक आया - - - - - " और " गुरु नानक की वढिआई - - - - - - - - " से गुरुनानक की महिमा का गान किया गया।इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सरदार बलदेव सिंह जी जो कि गुरुद्वारा सुखमनी सिंह सभा पिंजौर के पूर्व सचिव हैं , ने गुरु नानक जी के जीवनी व उनके द्वारा की गई यात्राओं की जानकारी दी ।उन्होंने बताया कि धर्म की रक्षा के लिए किस प्रकार गुरुओं ने समय - समय पर आकर सभी को धर्म निरपेक्ष का संदेश दिया ।सिक्ख धर्म गतका की महत्ता को दिखाते हुए छात्र समूह ने विभिन्न हुनर दिखाए ।इस समय इन बच्चों के मुख पर अद्भुत तेज चमक रहा था ।स्फूल निदेशिका श्रीमति कमल राय पुंज ने मुख्य वक्ता का धन्यवाद किया ।उन्होने बच्चों को आशीष दिया और बताया कि प्रत्येक धर्म के अलग - अलग शब्द ज़रूर होते हैं पर सबका सन्देश एक ही है कि नाम जपो , किरत करो , वंड छको ।हमें इन तीनों महान शब्द - युग्म को जीवन में उतारना चाहिए ।