पंचकूला, 8 नवंबर। - अग्रजन पत्रिका से इंद्रा गुप्ता- - गन्ना किसानों की मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधि मंडल ने केन कमिशनर को ज्ञापन सौंपा। शुक्रवार को भाकियू प्रदेशाध्यक्ष रतनमान की अगुवाई में पंचकूला स्थित कृषि भवन में 5 सूत्री गन्ना विभाग के केन कमिशनर अजीत बाला जोशी को ज्ञापन सौंपते हुए चालू खरीद सीजन गन्ने के 400 रूपए प्रति क्विंटल भाव देने की शिष्ट मंडल ने मांग उठाई। इस अवसर पर वाईस केन कमिशनर जगदीप बराड़ भी मौजूद रहे। ज्ञापन में चालू खरीद सीजन के लिए गन्ने का भाव 400 रूपए प्रति क्विंटल देने, प्रदेश की सभी गन्ना मिलों को आगामी 15 नवम्बर से पिराई सीजन शुरू करने, गन्ना, गन्ना खरीद केंद्रों पर डाले गए गन्ने का लिए जाने वाला किराया खत्म किया जाए, सभी मिलों में आगामी सीजन के लिए 14 दिन में किसानों को गन्ने की कीमत की अदायगी करने, गत वर्षों में गन्ने की पेमट की देरी से अदायगी करने की वजह से किसान को 15 प्रतिशत ब्याज देने बारे तथा सरपल्स गन्ने को अन्य मिलों में एडजेस्ट करने बारे मांग उठाई गई। केन कमिशनर अजीत बाला जोशी ने भाकियू शिष्ट मंडल से सहानुभूति पूर्वक बातचीत करते हुए कहा कि ज्ञापन में सौंपी गई सभी मांगों पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही गन्ना बोर्ड की आयोजित होने वाली बैठक में इन मांगों को एजेंडे में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों की मांगों पर सहानुभूति के साथ चर्चा की जाएगी। भाकियू प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने कहा कि गत पांच सालों में गन्ने के भाव में मात्र 30 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ौतरी की गई है। जो नाकाफी है। जबकि गन्ना उत्पादन खर्च में लगातार वृद्धि हो रही है। लेबर की मजदूरी भी हर वर्ष बढ़ रही है, जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसलिए गन्ने के दामों में बढ़ौतरी करते हुए 400 रुपए प्रति क्विंटल दाम दिए जाएं, ताकि किसानों को गन्ने की फसल में नुकसान न उठाना पड़े। किसान नेता मान ने बैठक के दौरान चर्चा करते हुए कहा कि गन्ना मिलों को जल्द चलाए जाने से गर्मी के सीजन से पूर्व गन्ने की पिराई हो जाएगी। भाकियू प्रतिनिधि मंडल ने इस बारे में मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बातचीत करवाए जाने की मांग भी की है। इस अवसर पर प्रदेश महासचिव विजय मेहता, जगमोहन मलिक, जिला पानीपत अध्यक्ष कुलदीप बलाना, जिला कुरुक्षेत्र प्रधान बलविंद्र जैनपुर, गुरमेज सिंह, मेहताब कादियान, जयपाल कुराना, विक्रम सिंह, गौरव, राय सिंह लखनौरा, जयकरण कादियान, मदन बपदा, जसबीर जैनपुर सहित कई किसान नेता शामिल थे।