अम्बाला, 7 नवम्बर- अग्रजन पत्रिका से इंद्रा गुप्ता-
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक ने बताया कि वातावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए व बच्चों व बुजुर्गों पर पडऩे वाले दुष्प्रभावों की रोकथाम हेतु धान की कटाई करने के बाद शेष बचे हुए अवशेषों को जलाने पर नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों की पालना में हरियाणा सरकार द्वारा पूर्णतया प्रतिबंध लगाया हुआ है। उन्होंने बताया कि 6 नवम्बर को अमरीक सिंह पुत्र बलबीर सिंह, गांव अंधेरी, बलदेव सिंह पुत्र कलतार सिंह, गांव डहर व राजविन्द्र कौर पत्नी जसविन्द्र सिंह, गांव कोहड़ा भूरा द्वारा धान के अवशेषों में आग लगाई गई। सरकार के निर्देशानुसार भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों व पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के प्रावधानों के तहत सभी सम्बन्धित के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी गई है तथा भविष्य में विभिन्न विभागों द्वारा मिलने वाले सरकारी लाभों पर भी रोक लगा दी गई है।
उन्होने यह भी कहा कि इस संबध में उपायुक्त अशोक कुमार शर्मा द्वारा कड़े निर्देश जारी किए गये हैं कि जिन गांवों में धान के अवशेषों, फानों को आग लगाई जाएगी उन गांवों के सरपंच व नंबरदार पर विशेष तौर पर कार्यवाही की जाएगी। कृषि विभाग हरियाणा की ओर से किसानों से अपील की जाती है कि धान के अवशेषों को न जलाएं, इनके जलाने से न केवल जमीन की उर्वरा शक्ति कम होती है बल्कि वातावरण पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। इस संदर्भ में जब डीसी अशोक कुमार शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हमारा मुख्य उद्देश्य लोगों को स्वच्छ पर्यावरण देना है, ऐसा तभी हो सकता है जब सभी मिलकर निर्धारित नियमों की पालना करें। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे फानें न जलाएं बल्कि इसे जुताई करके खाद के रूप में प्रयोग करें ताकि प्रति एकड़ उत्पादन क्षमता में इजाफा हो सके।