नालागढ़-- अग्रजन पत्रिका से इंद्रा गुप्ता- दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा गोपाष्टमी के उपलक्ष्य पर जय बाबा गवालजख गौ सदन, बरूणा नालागढ़ में तीन दिवसीय गौ कथा का आयोजन किया गया। जिसके प्रथम दिवस में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संस्थापक एवं संचालक श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी सुमेधा भारती जी ने कहा कि गौ हमारी भारतीय संस्कृति की आधार पुंज है। इसे हमारे भारतवासियों ने मां का स्थान दिया। हमारी भारतीय संस्कृति वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित है इसके पीछे वैज्ञानिक कारण है। परन्तु कुछ रूढिवादी तर्क देते है कि भगवान ने किस कारण गाय को इतना महत्व दिया। भगवान तो सर्वत्र व्याप्त है वरन उन्होनें गााय को इतना विशिष्ट स्थान कयों दिया इसका कारण है कि गाय से प्राप्त प्रत्येक वस्तु मानव के लिए लाभकारी है जैसे गोबर, दूध, मूत्र, घी, मकखन का अनेक प्रकार से प्रयोग किया जाता है। गोबर के लेपन से कीटाणुओं से बचाव होता है कयोंकि गोबर में ऐंटिसेप्टिक पाया जाता है। गाय के दूध से बुद्धि तीक्ष्ण होती है गाय के दूध का सेवन करने वाले बच्चों की स्मरण शक्ति भैंस के दूध पीने वालों से कुशाग्र होती है। गोमुत्र से जटिल से जटिल रोग ठीक होते है हमारे आर्ष ग्रन्थ कहते है कि गाय के मूत्र से कैंसर तक के रोग ठीक हो सकते है।
साध्वी जी ने कहा कि आज हम गौ माता के महत्व को बिसार चुके है इसी कारण भारतवासी रोगग्रस्त व लाचार है। भारत के 98 प्रतिशत लोग आज व्याधिग्रस्त है कयोंकि हम अपनी संस्कृति को छोडकर पाश्चात्य संस्कृति के गुलाम होते जा रहे हँ। अत: अगर हम चाहते है कि हम पुन: समृद्ध हो तो हमें अपनी संस्कृति से जुडना होगा तभी हम खुशहाल व समृद्ध हो सकेंगें। और हमारी संस्कृति का वास्तिविक ज्ञान हमें संतो की शरणस्थली में जाकर ही प्राप्त हो सकता है। कथा में बडी तादाद में भकतों ने भाग लिया। कथा को विराम गौ माता की पावन आरती से दिया गया ।