अम्बाला, 29 अक्तूबर- अग्रजन पत्रिका से इंद्रा गुप्ता-
कृषि विभाग के उप-निदेशक गिरीश नागपाल ने बताया कि वातावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए व बच्चों/ बुजुर्गों पर पडऩे वाले दुष्प्रभाव की रोकथाम हेतू धान की कटाई करने के बाद शेष बचे हुए अवशेषों को जलाने पर सरकार द्वारा पूर्णत: प्रतिबंध लगाया हुआ हैं। अत: किसान भाईयों से अपील की जाती हैं कि धान की कटाई करने के बाद शेष बचे अवशेषों को न जलाएं व इसके स्थान पर स्ट्रा रिपर, रिपर बाईडर, हैप्पी सीडर, स्ट्रा बेलर व रोटावेटर यंत्रो का प्रयोग कर धान के शेष अवशेषों को खेत में ही दबा दें। किसान भाई धान के अवशेषों को जलाने की बजाए खुली पराली 1200 रूपए प्रति टन एवं बेल्ड गांठे 1800 रूपए प्रति टन की दर से नारायणगढ़ शुगर मिल में बेचकर अधिक धन कमा सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए वेरव रिन्यूएबल प्राईवेट लिमिटेड के दूरभाष नम्बर 7206110441 पर सम्पर्क कर सकते हैं। किसानों से अपील की जाती हैं कि धान के अवशेषो जलाने से न केवल जमीन की उर्वरा शक्ति कम होती हैं, बल्कि वातावरण पर भी दुष्प्रभाव पड़ा हैं। अत: अपने खेतों में अवशेष न जलाएं।