Haryana
विधानसभा चुनाव तो झांकी है महाभारत होना बाकी है : निर्मल सिंह
October 25, 2019 11:17 PM
अबांला- अग्रजन पत्रिका से इंद्रा गुप्ता- अम्बाला शहर विधानसभा सीट से आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़कर 55876 वोट हासिल करने का रिकॉर्ड बनाने वाले पूर्व राजस्व मंत्री निर्मल सिंह ने कहा कि विधानसभा चुनाव तो झांकी है महाभारत होना बाकी है। अम्बाला छावनी के एलनबाई लेन स्थित अपने निवास पर एकत्रित हुए हजारों समर्थकों की हौसला अफजाई करते हुए उन्होंने कहा कि अम्बाला के जनहित के मुद्दों समेत उत्तरी हरियाणा के हितों की लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि दशम गुरु श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी की ननिहाल लखनौर साहिब की पवित्र धरती से जुड़ा प्रत्येक इंसान हमेशा ही जुल्म और ज्यादतियों के खिलाफ संघर्ष करने को तैयार रहता है। उन्होंने भी सिख गुरुओं की शिक्षाओं से प्रेरणा लेते हुए हमेशा ही समाज के हित में संघर्ष करना सीखा है। 1982 में मात्र 27 साल की उम्र में विधायक बनने के बाद ही उन्हें मालूम हुआ था कि अम्बाला समेत उत्तरी हरियाणा के साथ नौकरियों समेत अनेक मुद्दों पर बंदरबांट होती है। उन्होंने कहा कि अम्बाला के लोगों ने इस लड़ाई में उनका भरपूर साथ दिया। कुरूक्षेत्र में उन्होंने जब हिसाब चुकाओ रैली आयोजित की तो यहां के लोगों ने देश और दुनिया को बता दिया कि अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए उत्तरी हरियाणा के लोग किसी भी हद तक जाने को तैयार रहते हैं। उन्होंने कहा कि राजनीति में प्रारंभिक काल से ही उन्हें साजिश का शिकार बनाया जाता रहा है। लेकिन यहां के लोगों ने कभी भी उनका साथ नहीं छोड़ा यहां तक कि 1996 में जब एक षडयंत्र के तहत उन्हें जेल में बंद कर दिया गया तो भी नग्गल विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने उनके तमाम विराेधियों की जमानते जब्त करवा दी। उन्होंने कहा कि इस बार भी अम्बाला के दोनों विधानसभा क्षेत्र के हजारों लोगों ने खुले दिल से उनके परिवार को समर्थन दिया। इसी वजह से वे अम्बाला शहर और अम्बाला छावनी से कांग्रेस के उम्मीदवारों की जमानते भी जब्त करवा पाए। उन्होंने कहा कि नहरी पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, मेडिकल कॉलेज, यूनिवर्सिटी, गरीबों के मुद्दें समेत अनेक समस्याओं के समाधान के लिए वे अपने हजारों समर्थकों के साथ आर पार की लड़ाई की जल्दी ही शुरूआत करेंगे। उन्होंने कहा कि हालात के चलते बेशक उन्होंने इस बार आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का फैसला किया था। लेकिन उनके धर्मयुद्ध में इनेलो, शिअद और अन्य दलों के कट्टर समर्थकों ने भी आगे बढ़कर मोर्चा संभाला। उन्होंने कहा कि अम्बाला शहर विधानसभा सीट से 2014 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हिम्मत सिंह समेत अनेक नेताओं और कार्यकर्ताओं ने यह चुनाव छोटे भाईयों की तरह आगे बढ़कर लड़ा। उन्होंने कहा कि वे तमाम सहयोगी राजनैतिक दलों केअसंख्य समर्थकों के आभारी हैं जिन्होंने इस धर्मयुद्ध में तन मन से सहयोग किया। उन्होंने कहा कि वे अम्बाला के दाेनों विधानसभा क्षेत्रों के लोगों के हमेशा ही सुख दुख के साथी रहे हैं और इसी परंपरा को उनकी बेटी चित्रा सरवारा भी बखूबी निभा रही है। उन्होंने बताया की दिवाली के तत्काल बाद वे अम्बाला शहर विधानसभा क्षेत्र में धन्यवादी दौरे शुरू करेंगे।