अम्बाला, 23 अक्तूबर:- अग्रजन पत्रिका से इंद्रा गुप्ता- अम्बाला छावनी के श्याम नगर निवासी कैप्टन इंद्रजीत सिंह का आज राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। आर्मी की टुकड़ी ने हथियार उल्टे करके, मातमी धुन बजाकर और हवा में गोलिया दागकर कैप्टन को सलामी दी। इस दौरान आर्मी के मेजर जरनल अनिल चौधरी, मेजर दलजीत सिंह, अनिल विज, एसडीएम अम्बाला छावनी सुभाष चंद्र सिहाग, डीएसपी राम कुमार व अन्य अधिकारियों ने पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र भेंट कर श्रद्धांजली दी।
सेना के अधिकारियों ने बताया कि अरूणाचल प्रदेश में चीन बोर्ड के साथ दुर्गम चोटियों एवं बर्फीले क्षेत्र में कैप्टन इंद्रजीत सिंह की डयूटी थी। पिछले कईं दिनों से उनकी तबीयत खराब हो गई थी, उन्हें सेप्टिक शॉक हो गया था तथा 21 अक्तूबर को इंद्रजीत सिंह की तबीयत ज्यादा खराब होने के कारण उन्हें गुवाहाटी के अपोलो अस्पताल में भर्ती किया गया था। जहां पर उनकी उपचार के दौरान मौत हो गई। उनका पार्थिव शरीर आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके घर से शमशान घाट तक लाया गया। यहां पर उनके छोटे भाई लांस नायक प्रभजोत सिंह व कैप्टन इंद्रजीत सिंह के 6 वर्षीय बेटे इश्मीत सिंह ने पार्थिव शरीर को मुखाग्नी दी।
स्वर्गीय कैप्टन इंद्रजीत सिंह की माता 53 वर्षीय बलवंत कौर ने बताया कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है, ऐसे बेटे सभी माताओं को मिलने चाहिए, देश की सेवा करने का जजबा उसमें बचपन से ही था। कैप्टन इंद्रजीत सिंह के साथी मेजर दलजीत सिंह ने बताया कि इंद्रजीत सिंह की तैनाती 22 महार रेजिमेंट में थी तथा वह बडा ही जोशिला था। देश सेवा का जनून उसमें भरा हुआ था, साथी के जाने से यूनिट को भी भारी क्षति हुई है तथा उसने एक अच्छा दोस्त भी खो दिया है। उन्होंने बताया कि आर्मी की डयूटी बडी कठिन व चैलेंज वाली होती है, कठिन परिस्थितियों में रहते हुए आर्मी के जवानों को डयूटी करनी होती है। उन्होंने बताया कि इंद्रजीत ने 29 अप्रैल 2006 में सिपाही के तौर पर आर्मी ज्वाईन की थी, लेकिन वह सेना में अधिकारी बनना चाहता था। इसी बीच उसने टैस्ट क्लीयर कर 10 जून 2017 को अधिकारी के तौर पर सेना में कमिशन हासिल किया। अधिकारी के तौर पर सवा 2 साल की सेवा में वह विभिन्न स्थानों पर तैनात रहा।
स्वर्गीय कैप्टन इंद्रजीत सिंह अपने पीछे 53 वर्षीय अपनी माता बलवंत कौर, 30 वर्षीय पत्नी हरमीत कौर, 6 वर्षीय बेटा इश्मीत सिंह, भाई प्रभजोत सिंह व बहन बलजिन्द्र कौर को छोड़ गये हैं। यहां बता दें कि कैप्टन इंद्रजीत सिंह के पिता स्वर्गीय जोगिन्द्र सिंह सेना में सूबेदार के पद से रिटायर थे तथा इंद्रजीत सिंह का छोटा भाई लांस नायब प्रभजोत सिंह 39 मीडियन रेजीमेंट में हैं। अंतिम संस्कार में विभिन्न राजनैतिक, धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारी व प्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में इलाकावासी शामिल हुए।