दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग केस में तिहाड़ में बंद पी चिदंबरम की सरेंडर याचिका को खारिज कर दिया है. पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने प्रर्वतन निदेशालय (ED) के सामने सरेंडर करने के लिए कोर्ट में अर्जी लगाई थी, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई हुई थी.
इस दौरान कोर्ट ने पी चिदंबरम की मांग को खारिज करते हुए कहा कि आईएनएक्स मीडिया मामले में ईडी की कोई शिकायत या चार्जशीट पेंडिंग नहीं है. साथ ही ईडी अभी पी चिदंबरम को हिरासत में भी नहीं लेना चाहती है. ईडी बाद में पी चिदंबरम को हिरासत में लेगी. ऐसे में हम चिदंबरम को अभी ईडी की हिरासत में भेजने का आदेश नहीं दे सकते हैं.
कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर किसी मामले में अग्रिम जमानत खारिज हो जाती है, तो कोई ऐसा कानूनी प्रावधान नहीं है कि आरोपी को फौरन गिरफ्तार किया ही जाना चाहिए. जांच करना ईडी का अपना अधिकार है.
इससे पहले गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान ईडी ने चिदंबरम की सरेंडर याचिका का विरोध किया. साथ ही कहा कि फिलहाल चिदंबरम तिहाड़ जेल में बंद हैं. लिहाजा वो गवाहों और सबूतों को प्रभावित करने की स्थिति में नहीं हैं. ईडी ने तर्क दिया कि इस मामले में उसे 6 और लोगों से पूछताछ करना है और वह सही समय पर पी चिदंबरम को गिरफ्तार करना चाहती है.
वहीं, ईडी की दलीलों का विरोध करते हुए चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके क्लाइंट को परेशान और प्रताड़ित करने के लिए ऐसा किया जा रहा है. कांग्रेस नेता सिब्बल ने कहा कि पी चिदंबरम अपनी मर्जी से ईडी के सामने समर्पण कर सकते हैं. यह उनका कानूनी अधिकार है.