भारतीय वायुसेना में शामिल किए गए अपाचे हेलिकॉप्टर शीघ्र ही वॉर गेम्स और सैन्य अभ्यासों का हिस्सा होंगे. ऐसा उन्हें किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए ‘बैटल रेडी’ (युद्ध के लिए तैयार) रखने को किया जाएगा.
‘फ्लाइंग टैंक’ के नाम से मशहूर अपाचे हेलिकॉप्टर के भारतीय वायुसेना से जुड़ने को रणनीतिक दृष्टि से बहुत अहम माना जा रहा है. ये दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में उड़ान भरने मे सक्षम होने के साथ मौसम की दुश्वारियों को भी झेल सकता है. अपाचे हेलिकॉप्टर एंटी टैंक मिसाइल से लैस हैं.
आठ अपाचे हेलिकॉप्टर का पहला बैच भारतीय वायुसेना में शामिल हो चुका है. साल 2020 तक भारतीय वायुसेना के पास 22 अपाचे हेलिकॉप्टर हो जाएंगे. इन्हें दो स्क्वॉड्रन में बांटा जाएगा. पाकिस्तान की तरफ से खतरे को देखते हुए एक स्क्वॉड्रन की तैनाती पठानकोट में रहेगी. वहीं दूसरे स्क्वॉड्रन को चीन के मद्देनजर असम के जोरहाट में तैनात किया जाएगा.
सूत्रों ने बताया कि अपाचे हेलिकॉप्टर के लिए पायलट प्रशिक्षित किए जा चुके हैं. रीयल टाइम चुनौतियों में परखने के लिए इन हेलिकॉप्टर को सैन्य अभ्यास में उतारा जाएगा. अमेरिका निर्मित आठ अपाचे हेलिकॉप्टर के शामिल होने से भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता और घातक हो गई है. इससे पाकिस्तान और चीन, दोनों के मुकाबले भारत की सैन्य क्षमताओं में बढ़ोतरी हुई है.