हिंदुस्तान की राजनीति के अरुण आज पंचतत्व में विलीन हो गए. रविवार को दोपहर तीन बजे दिल्ली के निगम बोध घाट में अरुण जेटली का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के अंतिम दर्शन के लिए पक्ष और विपक्ष सभी पार्टी के नेता पहुंचे. आपको बता दें कि शनिवार को दिल्ली के एम्स में अरुण जेटली का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था.
जेटली के निधन से हर किसी की आंखे नम थीं, फिर चाहे उनके साथ राजनीति की लंबी पारी खेलने वाला कोई बीजेपी नेता रहा हो या फिर विपक्ष का कोई दिग्गज नेता. हिंदुस्तान की राजनीति में अरुण जेटली एक अद्भुत मिसाल थे. जनाधार के बिना भी राजनीति में अपरिहार्य रहने की मिसाल थे. वो बीजेपी की ऐसी जरूरत थे, जिसके बगैर न पार्टी चलती थी, न सरकार चलती थी, न शासन चलता था और न ही अनुशासन चलता था.