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गुप्त नवरात्रि का........जाने रहस्य ----पं0 कृष्ण मेहता----- के साथ और शक्ति उपासना का लाभ उठाए

June 30, 2019 11:19 PM
अग्रजन पत्रिका  द्वारा प्रस्तुति---

गुप्त नवरात्रि का........जाने रहस्य ----पं0 कृष्ण मेहता----- के साथ और शक्ति उपासना का लाभ उठाए
आज कल नवरात्र आम दिनों में यह थोडा अटपटा सा लगता है क्येाकिं नवरात्र तो चैत्र और औसज में होते है। 
 
मगर साल में दो दिन चार नवरात्र आते है दो चैत्र ओर औसज तथा दो बार गुप्त नवरात्र । इस बार के गुप्त 
 
नवरात्रि आषाढ़ मास शुकल पक्ष से प्रारंभ हो रहे हैं ,जो इसी 3 जुलाई 2019 से प्रारंभ हो रहे है । गुप्त नवरात्रि 
 
की प्रमुख देवियां महाविद्या (तंत्र साधना) मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर 
 
भैरवी, मां ध्रूमावती, माता बगलामुखी, मां मातंगी और कमला देवी की पूजा करते हैं। इस दौरान भगवान विष्णु 
 
शयन काल की अवधि के बीच होते है,ं तब देव शक्तियां कमजोर होने लगती हैं। उस समय पृथ्वी पर रुद्र, 
 
वरुण, यम आदि का प्रकोप बढऩे लगता है, इन विपत्तियों से बचाव के लिए गुप्त नवरात्र में मां दुर्गा की उपासना 
 
की जाती है।  गुप्त नवरात्र की महिमा है यदि आप मंत्र साधना, शक्ति साधना करना चाहते हैं और काम-काज 
 
की उलझनों के कारण साधना के नियमों का पालन नहीं कर पाते तो यह समय आपके लिए माता की कृपा ले 
 
कर आता है, गुप्त नवरात्रों में साधना के लिए आवश्यक न्यूनतम नियमों का पालन करते हुए मां शक्ति की मंत्र 
 
साधना कीजिए। गुप्त नवरात्र की साधना सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।
क्या अंतर है सामान्य और गुप्त नवरात्रि में?-------
   आओ अब जानते है सामान्य नवरात्रों व गुप्त नवरात्र में फर्क , आमतौर पर  सामान्य नवरात्रों में सात्विक और 
 
तांत्रिक पूजा दोनों की जाती है. वहीं गुप्त नवरात्रि में ज्यादातर तांत्रिक पूजा की जाती है।  गुप्त नवरात्रि का 
 
आमतौर पर ज्यादा प्रचार प्रसार नहीं किया जाता, अपनी साधना को भी गोपनीय रखा जाता है । गुप्त नवरात्रि में 
 
किसी विशेष  पूजा  और मनोकामना जितनी ज्यादा गोपनीय होगी, सफलता उतनी ही ज्यादा ओर जल्दी  
 
मिलेगी।
 गुप्त  नवरात्रि में करें सिर्फ ये कार्य, आपके सभी मनोरथ होंगे पूर्ण- गुप्त नवरात्र में  अनेक शुभ योग है 
 
------- 
गुप्त नवरात्र के बारे में यह कहा जाता है कि इस कालखंड में की गई साधना निश्चित ही फलवती होती है हां, इस 
 
समय की जाने वाली साधना की गुप्त बनाए रखना बहुत आवश्यक है। अपना मंत्र और देवी का स्वरुप गुप्त 
 
बनाए रखें गुप्त नवरात्र में शक्ति साधना का संपादन आसानी से घर में ही किया जा सकता है।  इन महाविद्याओं 
 
की साधनाओं के लिए यह सबसे अच्छा समय होता है गुप्त व चमत्कारिक शक्तियां प्राप्त करने का यह श्रेष्ठ अवसर 
 
होता है।
केवल धार्मिक ही नही आयुर्वेद मे भी महत्व ------
धार्मिक दृष्टि से सभी जानते हैं कि नवरात्र देवी स्मरण से शक्ति साधना की शुभ घड़ी है, दरअसल, इस शक्ति 
 
साधना के पीछे छुपा व्यावहारिक पक्ष यह है कि नवरात्र का समय मौसम के बदलाव का होता है, आयुर्वेद के 
 
मुताबिक इस बदलाव से जहां शरीर में वात, पित्त, कफ में दोष पैदा होते हैं, वहीं बाहरी वातावरण में रोगाणु जो 
 
अनेक बीमारियों का कारण बनते है।ं सुखी-स्वस्थ जीवन के लिये इनसे बचाव बहुत जरूरी है, नवरात्र के 
 
विशेष काल में देवी उपासना के माध्यम से खान-पान, रहन-सहन और देव स्मरण में अपनाने गए संयम और 
 
अनुशासन तन व मन को शक्ति और ऊर्जा देते हैं। जिससे इंसान निरोगी होकर लंबी आयु और सुख प्राप्त करता है 
 
धर्म ग्रंथों के अनुसार गुप्त नवरात्र में प्रमुख रूप से भगवान शंकर व देवी शक्ति की आराधना की जाती है।
साधना कर इनमे उठाए लाभ------
व्यापार में आ रही बार बार   बाधाएँ  ओर विफलता को कैसे करे दुर........   
किसी ने व्यापारिक स्थान को बंधवा दिया या किसी प्रकार की भुत प्रेत बाधा दोष या नजर टोना टोटका सभी 
 
प्रकार के बधंन से मुकित के लिए गुप्त नवरात्रि ऐसी प्रकार की बाधाएँ को दुर करने के लिए कारगर उपाय गुप्त 
 
नवरात्रि सबसे बढिया समय -- 
गुप्त नवरात्रि में व्यापारिक स्थान पर माँ  दुर्गा सप्तशती का बीज मत्रं या वैदिक मत्रं जो देवी सप्सती में लि जाता 
 
है,,
 सर्वाबाधा प्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि। एवमेव त्वया कार्यमस्मद्दवैरिविनाशनम् 
 से संपुटित पाठ करवाऐ या हर रोज। पुरे गुप्त नवरात्रि  माँ भगवती के बीज मत्रं या उपर दिये मत्रं  की 11 माला 
 
से हवन करे या करवाऐ हवन शाम के समय या रात्रि में करवाऐं  हवन के लिए साम्रज्ञी के लिए विशेष वसतु 
 
का प्रयोग करें ओर पुरे नवरात्रि होने के बाद 9  कन्या  को भोजन करवाऐ ओर दक्षिण दे व्यापार में खूब तरक्क्ी 
 
होगी। ये एक सटीक ऊपाय है  
व्यापार वृद्धि के लिए उपाय ------ ्र्र
5 सफ़ेद कोडी 5 हलदी की गाठ 2 सुपारी और कुछ पैसे लाल कपड़े में बांध कर नवरात्रि मे माँ भगवती से 
 
अपनी मनोकामना बोलकर व्यापार स्थान के मंदिर में रखे हर रोज नवरात्रि मे पुजा करे। उसके बाद नवमी वाले 
 
दिन रवि पुष्य व सर्वार्थ सिद्धि योग है उस अपने तिजोरी में रखे अवश्य व्यापार में दिन दुगनी रात चोगनी तरकि 
 
होगी सनातन धर्म के अनुसार साल में चार बार नवरात्र आते हैं दो बार गुप्त ओर दो खुले 
नौकरी से संबंधी उपाय ------
यदि नौकरी या परमोसन संबंधित कार्य में कोई अड़चनें आ रही है तो नवरात्रि मे पहले माता को भोग लगाऐ 
 
फिर 9 साल से छोटी कन्या को पुरे नवरात्रि में मिठाई, चॉकलेट बांटे और काले कुते दूध पिलाऐ और भरो बाबा 
 
और हनूमान जी का भी मंदिर जाकर आशीर्वाद ले प्रसाद बाँटे आपकी नौकरी समंबधित परेशानी अवश्य दुर 
 
होगी
विवाह  में आ रही अड़चनें और बाधाएं कैसे करे दूर------
   गुप्त नवरात्र में करें उपाय लड़की के विवाह में आ रही बाधाएँ के लिए पुरे नवरात्र लड़की को माँ गौरी का 
 
पूजन करना चाहिए और माँ को लाल चुनरी सहित 16 श्रृंगार अर्पण करे या फिर पति प्राप्ति के लिये 
 
मन्त्र-कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरि ! नंदगोपसुतम् देवि पतिम् मे कुरुते नम। मत्रं से दुर्गा सप्तशती का 
 
संपुटित पाठ किसी योग्य ब्राहमण से करवाऐ माता से प्रार्थना करें हे माँ मै आपकी शरण में आ गयी मुझे शीघ्र 
 
अति शीघ्र सौभाग्य की प्राप्ति हो और मेरी मनोकामना शीघ्र पुरी हो  माँ भगवती कि कृपा से अवश्य सफलता 
 
प्राप्त होगी । 
इसी प्रकार लड़के के विवाह में आ रही बाधाएँ दूर करने के उपाय लड़के ने नवरात्र के समय माँ दुर्गा का सोढस 
 
उपचार पूजन करे और पुजा में मिठाई पेडा और फल में माता को अनार अर्पण करे या फिर पत्नी प्राप्ति के मत्रं 
 
----पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानु सारिणीम ,तारिणींदुर्गसं सारसागरस्य कुलोद्भवाम॥ से माँ दुर्गा सप्तशती का 
 
संपुटित पाठ किसी योग्य ब्राह्मण से करवाऐ आपकी मनोकामना शीघ्र पूरी होगी
राजनीति या कोर्ट के मुकदमा  में सफलता के लिए  गुप्त नवरात्रि में -कया करे उपाय---------
    राजनीति करने वाले के लिए इस बार गुप्त नवरात्रि में  है राजनीति करने माँ भगवती के तीनों रूप व माँ 
 
पितामबरा (बगला मुखी) पुजा पुरे नवरात्रि को रात के समय करनी चाहिए विजय प्राप्ति के लिए माँ भगवती 
 
विजय प्राप्ति मत्रं से दुर्गा सप्तशती से संपुटित सतचंडी पाठ व माँ पीताम्बरा का सवा लक्ष जप रात के समय 
 
करवाये और माँ भगवती को मिठाई, फल,पंचमेवा भोग लगाऐ पुजा के समय विजय प्राप्ति यत्रं व माँ बगला 
 
मुखी यत्रं अवश्य रखे और हर रोज नवरात्रि में 9 कन्या को जो 9 साल से छोटी हो फल मिठाई व दक्षिणा देवे 
 
और कन्याओ के पावं छु कर आशीर्वाद लेवे राजनीति ओर कोर्ट के मुकदमा  में सफलता अवशय प्राप्त होगी 
शत्रु पर विजय प्राप्ति के लिए उपाय........ 
 सर्वबाधा शांति के लिए: सर्वाबाधा प्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि। एवमेव त्वया कार्यमस्मद्दैरिविनाशनम् ईस मत्रं 
 
का दुर्गा सप्तशती का संपुटित पाठ करवाऐ  या ईस मत्रं की 11 माला जाप हर रोज करे बाद में दशांश हवन करे  
 
ओर मा भगवती को पेडा का भोग लगाऐ 
भय नाशक दुर्गा मंत्र: -सर्व स्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते, भयेभ्यास्त्रहिनो देवी दुर्गे देवी नमोस्तुते हर रोज  
 
11 माला जप माता को अनार, ओर पेडा का भोग लगाऐ  दशांश हवन करे सभ प्रकार की भय बाधा दुर होगी 
बाधा मुक्ति एवं धन-पुत्रादि प्राप्ति के लिए: सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन-धान्य सुतान्वित:। मनुष्यों मत्प्रसादेन 
 
भवष्यति न संशय ! इस मंत्र से माँ दुर्गा सप्तशती का संपुटित पाठ करवाऐ सनंतान प्राप्ति रूका हुआ धन प्राप्ति के  
 
लिए सबसे सटीक ऊपाय करवाऐ सफलता अवश्य प्राप्त होगी!
       नौ दिनों तक चलने वाले गुप्त नवरात्र पर्व में माता के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है और उन्हें 
 
प्रसन्न करने के लिए विभिन्न साधनाएं भी की जाती हैं। गुप्त नवरात्रि में मनचाही सफलता के लिए विशेष उपाय 
 
भी किए जाते हैं। वहीं तंत्र शास्त्र के अनुसार गुप्त नवरात्रि में किए गए उपाय जल्दी ही शुभ फल प्रदान कर 
 
सकते हैं। धन, नौकरी, स्वास्थ्य, संतान, विवाह, प्रमोशन आदि कई मनोकामनाएं इन 9 दिनों में किए गए उपायों 
 
से प्राप्त हो सकती है। मान्यता के अनुसार ये उपाय इस प्रकार हैं-
1- मनपसंद वर के लिए उपायगुप्त नवरात्रि के दौरान किसी भी दिन अपने आस-पास स्थित किसी शिव मंदिर 
 
में जाएं। वहां भगवान शिव एवं मां पार्वती पर जल एवं दूध चढ़ाएं और पंचोपचार चंदन, पुष्प, धूप, दीप एवं 
 
नैवेद्य से उनका पूजन करें। अब मौली पूजा में उपयोग किया जाने वाला लाल धागा से उन दोनों के मध्य 
 
गठबंधन करें। अब वहां बैठकर लाल चंदन की माला से मंत्र का जाप 108 बार करें-मंत्र- हे गौरी शंकरार्धांगी। 
 
यथा त्वं शंकर प्रिया। तथा मां कुरु कल्याणी, कान्त कान्तां सुदुर्लभाम।। इसके बाद तीन महीने तक रोज इसी मंत्र 
 
का जाप शिव मंदिर में अथवा अपने घर के पूजाकक्ष में मां पार्वती के सामने 108 बार करें। घर पर भी आपको 
 
पंचोपचार पूजा करनी है।
2- शीघ्र विवाह के लिए उपायगुप्त नवरात्रि में शिव-पार्वती का एक चित्र अपने पूजास्थल में रखें और उनकी 
 
पूजा-अर्चना करने के पश्चात मंत्र का 3, 5 या 10 माला जाप करें। जाप के बाद भगवान शिव से विवाह में आ 
 
रही बाधाओं को दूर करने की प्रार्थना करें-मंत्र- ऊं शं शंकराय 
 
सकल-जन्मार्जित-पाप-विध्वंसनाय,पुरुषार्थ-चतुष्टय-लाभाय च पतिं मे देहि कुरु कुरु स्वाहा।
3- दांपत्य सुख के लिए उपाय यदि जीवनसाथी से अनबन होती रहती है तो गुप्त नवरात्रि में प्रतिदिन नीचे लिखी 
 
चौपाई को पढ़ते हुए 108 बार अग्नि में घी से आहुतियां दें। अब नित्य सुबह उठकर पूजा के समय इस चौपाई 
 
को 21 बार पढ़ें। यदि संभव हो तो अपने जीवनसाथी से भी इस चौपाई का जाप करने के लिए कहें-चौपाई- 
 
सब नर करहिं परस्पर प्रीति। चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीति।।
4- धन लाभ के लिए उपाय गुप्त नवरात्रि के दौरान किसी भी दिन सभी कार्यों से निवृत्त होकर उत्तर दिशा की 
 
ओर मुख करके पीले आसन पर बैठ जाएं। अपने सामने तेल के 9 दीपक जला लें। ये दीपक साधनाकाल तक 
 
जलते रहने चाहिए। दीपक के सामने लाल रंग केचावल की एक ढेरी बनाएं फिर उस पर एक श्रीयंत्र रखकर 
 
उसका कुंकुम, फूल, धूप, तथा दीप से पूजन करें। उसके बाद एक तांबे की प्लेट पर स्वस्तिक बनाकर उसे अपने 
 
सामने रखकर उसका पूजन करें। श्रीयंत्र को अपने पूजा स्थल पर स्थापित कर लें और शेष सामग्री को नदी में 
 
प्रवाहित कर दें। इस प्रयोग से आपको अचानक धन लाभ होने के योग बन सकते हैं।
5- मनचाही दुल्हन के लिए उपाय:- 
गुप्त नवरात्रि के दौरान जो भी सोमवार आए। उस दिन सुबह किसी शिव मंदिर में जाएं। वहां शिवलिंग पर दूध, 
 
दही, घी, शहद और शक्कर चढ़ाते हुए उसे अच्छी तरह से साफ करें। फिर शुद्ध जल चढ़ाएं और पूरे मंदिर में झाड़ू 
 
लगाकर उसे साफ करें। अब भगवान शिव की चंदन, पुष्प एवं धूप, दीप आदि से पूजा-अर्चना करें।रात 10 बजे 
 
बाद अग्नि प्रज्वलित कर ऊं नम शिवाय मंत्र का उच्चारण करते हुए घी से 108 आहुति दें। अब 40 दिनों तक 
 
नित्य इसी मंत्र का पांच माला जाप भगवान शिव के सम्मुख करें। इससे शीघ्र ही आपकी मनोकामना पूर्ण होने के 
 
योग बनेंगे।
6- इंटरव्यू में सफलता का उपायगुप्त नवरात्रि में किसी भी दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद 
 
सफेद रंग का सूती आसन बिछाकर पूर्व दिशा की ओर मुख करके उस पर बैठ जाएं। अब अपने सामने पीला 
 
कपड़ा बिछाकर उस पर 108 दानों वाली स्फटिक की माला रख दें और इस पर केसर व इत्र छिड़क कर इसका 
 
पूजन करें।इसके बाद धूप, दीप और अगरबत्ती दिखाकर मंत्र का 31 बार उच्चारण करें। इस प्रकार 11 दिन तक 
 
करने से वह माला सिद्ध हो जाएगी। जब भी किसी इंटरव्यू में जाएं तो इस माला को पहन कर जाएं। ये उपाय 
 
करने से इंटरव्यू में सफलता की संभावना बढ़ सकती है।मंत्र- ऊँ ह्लीं वाग्वादिनी भगवती मम कार्य सिद्धि कुरु 
 
कुरु फट् स्वाहा। 
7- बरकत बढ़ाने का उपाय गुप्त नवरात्रि में किसी भी दिन सुबह स्नान कर साफ कपड़े में अपने सामने मोती 
 
शंख को रखें और उस पर केसर से स्वस्तिक का चिह्न बना दें। इसके बाद इस मंत्र का जाप करें-मंत्र-श्रीं ह्रीं श्रीं 
 
महालक्ष्मयै नम।
8- माता जगदंबिका को आम अथवा गन्ने के रस से स्नाान करवाया जाए तो लक्ष्मी और सरस्वती ऐसे भक्त का 
 
घर छोड़कर कभी नहीं जातीं। वहां नित्य ही संपत्ति और विद्या का वास रहता है।
9- वेद पाठ के साथ यदि कर्पूर, अगरु (सुगंधित वनस्पति), केसर, कस्तूरी व कमल के जल से देवी को स्नान 
 
करवाया जाए तो सभी प्रकार के पापों का नाश हो जाता है तथा साधक को थोड़े प्रयासों से ही सफलता मिलती 
 
है।
10- द्राक्षा (दाख) के रस से यदि माता जगदंबिका को स्नान करवाया जाए तो भक्तों पर देवी की कृपा बनी 
 
रहती है।
11- इसी प्रकार यदि देवी को दूध से स्नान करवाया जाए तो व्यक्ति सभी प्रकार की सुख-समृद्धि का स्वामी 
 
बनता है।
मंत्र जाप के ये हैं नियम- मंत्र का जप स्फटिक माला से ही करें। - मंत्रोच्चार के साथ एक-एक चावल इस 
 
शंख में डालें।- इस बात का ध्यान रखें की चावल टूटे हुए ना हो। इस प्रयोग लगातार नौ दिनों तक करें।- इस 
 
प्रकार रोज एक माला जाप करें। उन चावलों को एक सफेद रंग के कपड़े की थैली में रखें और 9 दिन के बाद 
 
चावल के साथ शंख को भी उस थैली में रखकर तिजोरी में रखें। इस उपाय से घर की बरकत बढ़ सकती है।
शास्त्रों के झरोखे से जाने कब कब किसने की महाविद्या साधना ------
शास्त्रों के अनुसार दस महाविद्याओं को सिद्ध करने के लिए ऋषि विश्वामित्र और ऋषि वशिष्ठ ने बहुत प्रयास 
 
किए लेकिन उनके हाथ सिद्धि नहीं लगी वृहद काल गणना और ध्यान की स्थिति में उन्हें यह ज्ञान हुआ कि 
 
केवल गुप्त नवरात्रों में शक्ति के इन स्वरूपों को सिद्ध किया जा सकता है। गुप्त नवरात्रों में दशमहाविद्याओं की 
 
साधना कर ऋषि विश्वामित्र अद्भुत शक्तियों के स्वामी बन गए उनकी सिद्धियों की प्रबलता का अनुमान इसी बात 
 
से लगाया जा सकता है कि उन्होंने एक नई सृष्टि की रचना तक कर डाली थी इसी तरह, लंकापति रावण के पुत्र 
 
मेघनाद ने अतुलनीय शक्तियां प्राप्त करने के लिए गुप्त नवरात्र में साधना की थी शुक्राचार्य ने मेघनाद को परामर्श 
 
दिया था कि गुप्त नवरात्रों में अपनी कुल देवी निकुम्बाला कि साधना करके वह अजेय बनाने वाली शक्तियों का 
 
स्वामी बन सकता है मेघनाद ने ऐसा ही किया और शक्तियां हासिल की राम, रावण युद्ध के समय केवल मेघनाद 
 
ने ही भगवान राम सहित लक्ष्मण जी को नागपाश मे बांध कर मृत्यु के द्वार तक पहुंचा दिया था ऐसी मान्यता है 
 
कि यदि नास्तिक भी परिहासवश इस समय मंत्र साधना कर ले तो उसका भी फल सफलता के रूप में अवश्य 
 
ही मिलता है। 
 
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