मोहाली- अग्रजन पत्रिका से इंद्रा गुप्ता-- श्री हनुमान मंदिर कमेटी, फेज-6 मोहाली द्वारा मार्कीट ग्राउंड, फेज-6 मोहाली में सात दिवसीय भगवान शिव कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा के चतुर्थ दिवस में दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के संस्थापक एवं संचालक श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या कथा व्यास साध्वी रूपेश्वरी भारती जी ने बताया कि भगवान शिव का व्यक्तित्व अत्यन्त विराट है, जिसकी ऊँ चाई आकाश के सदृश और गहराई सागर के समान है। उनके व्यक्तित्व को किसी भाषा में व्यक्त नहीं किया जा सकता। सती द्वारा असत्य भाषण के कारण महादेव ने उनका मन ही मन त्याग कर दिया। सती पश्वाताप की भावना से भर गई। जब सती नें पिता दक्ष के यज्ञ में स्वयं को भस्मीभूत किया, तो सती के मन में हर जन्म में भगवान शिव को ही स्वामी रूप में प्राप्त करनें की ईच्छा थी जिसके कारण अगले जन्म में सती ने राजा हिमवान के यहाँ पार्वती के रूप में जन्म लिया। पुत्री के जन्म पर पूरी हिमाचल नगरी में खुशियाँ मनाई गई। परन्तु आज बड़े दुख की बात है कि जिस भारत की भूमि पर छोटी-छोटी कन्याओं को देवी माँ के रूप में पूजा जाता है। उसी दैवीय स्वरूप को गर्भ में ही खत्म कर दिया जाता है। शास्त्रों में आता है कि गर्र्भपात के समान दूसरा कोई भंयकर पाप नहीं है। एक अजन्मी बच्ची को गर्भ में मारना स्वयं के लिए घोर नरकों के द्वार खोलना है। ऐसे कुकर्म करने वालों को अगले जन्म में नि:संतान रहना पड़ता है। संस्थान द्वारा श्री गुरूदेव के मागदर्शन में एक कल्याणकारी मुहिम संतुलन कैम्पेन भी शुरू की गई है। जिसका लक्ष्य है-समाज में कन्या भ्रूणहत्या व लिंग आधारित पक्षपात की रोकथाम करना और नारी के साथ हो रही हिंसा और उत्पीडऩ के विरूद्ध आवाज उठाना। चतुर्थ दिवस कथा को विराम प्रभु की पावन आरती द्वारा दिया गया। प्रभु की पावन आरती में कमेटी के सभी सदस्यों एवं संगत ने भाग लेकर प्रभु का आर्शीवाद प्राप्त किया।