Thursday, April 25, 2024
Follow us on
 
BREAKING NEWS
राज्य सरकार पंचकूला में पत्रकारिता विश्वविधालय स्थापित करने पर गंभीरता से करेगी विचार-विधानसभा अध्यक्ष*भाजपा पंचकूला ने अल्पसंख्यक मोर्चा के 4 मंडल अध्यक्षों की घोषणा कीजन सरोकार दिवस’ रैली को ऐतिहासिक बनाने के लिए कार्यकर्ता दिन रात एक कर दे - अजय सिंह चौटालानिर्यातक के घर के सामने जमकर प्रदर्शन किया और हर रोज धरना देने का फैसला लिया। कहां की है घटना पढ़िए पूरी खबरअभय सिंह की जीत के बावजूद किसान की करारी हार-- ऐलनाबाद उपचुनाव परिणाम की समीक्षा --- पढ़िए पूरा विश्लेषणमल्टीस्पेशलिटी चेकअप कैंप में 270 लोगों की जांच, 20 आपरेशनविधानसभा अध्यक्ष ने किया अमरटेक्स, इंडस्ट्रियल एरिया फेस-1 में फैक्ट्रियों के मालिकों व श्रमिकों/कर्मचारियों के लिये मैगा कोविशिल्ड वैक्सीनेशन कैंप का उद्घाटन।पेड़-पौधे लगाकर हम धरती माता का श्रृंगार कर सकते हैं: श्रवण गर्ग
 
 
 
Business

क्या है न्यूनतम आय का वादा, कितना मुमकिन है राहुल गांधी के इस वादे पर अमल

January 28, 2019 09:40 PM

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया है कि अगर उनकी पार्टी 2019 लोकसभा चुनावों में जीतकर केन्द्र में सरकार बनाती है तो गरीबी रेखा के नीचे सभी को एक न्यूनतम आय देने के लिए यूनीवर्सल बेसिक इनकम (UBI) योजना को लागू किया जाएगा. वहीं केन्द्र में मौजूदा मोदी सरकार भी लगभग दो साल से देश में गरीबी रेखा के नीचे लोगों को राहत पहुंचाने के लिए यूनीवर्सल बेसिक इनकम योजना पर काम कर रही है. केन्द्र सरकार ने आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17 में पहली बार यूबीआई का जिक्र करते हुए कहा कि देश में गरीबी उन्मूलन की दिशा में यूबीआई अहम भूमिका अदा कर सकता है.

जाहिर है कांग्रेस और बीजेपी दोनों की कवायद इस योजना के सहारे आगामी चुनावों में गरीब तबके के वोट के लुभाने की है. लेकिन, क्या है यूनीवर्सल बेसिक इनकम और क्या इसे लागू करने के बाद देश से गरीबी का नामोनिशान मिट जाएगा.      

क्या है यूबीआई?

यूबीआई एक निश्चित आय है जो देश के सभी नागरिकों- गरीब-अमीर, नौकरीपेशा, बेरोजगार को सरकार से मिलती है. इस आय के लिए किसी तरह का काम करने अथवा पात्रता होने की शर्त नहीं रहती और आदर्श स्थिति है कि समाज के प्रत्येक सदस्य को जीवन-यापन के लिए न्यूनतम आय का प्रावधान होना चाहिए.

क्यों यूबीआई?

यूबीआई कोई नई अवधारणा नहीं है बल्कि बीते कुछ वर्षों के दौरान पूरी दुनिया में आय के पुनर्वितरण के लिए इस्तेमाल से सुर्खियों में है. कई देशों में इस योजना पर पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है, हालांकि बतौर योजना इसे अभी किसी देश में लागू नहीं किया गया है. यूबीआई को लागू करने के पीछे दो अहम दलील है कि वैश्विक स्तर पर असमानता में तेजी से इजाफा हो रहा है और तकनीकि के इस युग में ऑटोमेशन के चलते बेरोजगारी में तेज इजाफा हो रहा है. कुछ जानकारों का मानना है कि मौजूदा व्यवस्था को यदि सहारा नहीं दिया गया को समानता में तीव्र इजाफा और बेरोजगारी के तूफान से सबसे बड़ी वैश्विक चुनौती खड़ी हो जाएगी.

कैसे काम करेगा यूबीआई?

आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17 के मुताबिक भविष्य की यूपीआई योजना के तीन अहम पक्ष हैं- सार्वभौमिक, बिना शर्त और संस्थागत. वहीं इसके आंकलन के लिए गरीबी रेखा निर्धारित करने के लिए सुरेश तेंदुलकर फ़ॉर्मूले से 7,620 रुपये प्रति वर्ष तय किया गया है. इस वार्षिक आमदनी पर आदमी का जीवनयापन संभव है.

वहीं एक अन्य सर्वे के मुताबिक इस दर पर यूबीआई को लागू करने पर जीडीपी का 4.9 फीसदी खर्च सरकारी खजाने पर पड़ेगा. स्कीम के तहत यह सुविधा डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के जरिए पहुंचाई जाएगी.

क्यों उठा यूबीआई पर सवाल?

आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17 द्वारा दिए गए मॉडल के मुताबिक देश में गरीबी रेखा का आंकलन उचित ढंग से नहीं किया गया है. जहां तेंदुलकर फॉर्मूल से 22 फीसदी जनसंख्या को गरीब बताया गया वहीं इसके बाद हुए सी रंगाराजन फॉर्मूले ने 29.5 फीसदी अथवा 36.3 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा के नीचे बताया. वहीं प्रति व्यक्ति खर्च के स्तर को भी 2012 में 27.2 रुपये से सुधार कर 2014-15 में 32 रुपये कर दिया गया. जबकि शहरी इलाकों के लिए इस खर्च को 33.3 रुपये से बढ़ाकर 47 रुपये प्रति व्यक्ति कर दिया गया.

Have something to say? Post your comment
 
More Business News
सोमवार से बढ़ सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम, ये हैं संकेत मोदी सरकार दे सकती है सस्ते घर की सौगात, GoM का मिला साथ! मोदी सरकार को सफलता, 1 लाख करोड़ के पार हुआ जीएसटी कलेक्‍शन बजट से पहले आम लोगों को मिली राहत, सस्‍ते हुए गैस सिलेंडर के दाम इस बजट से नोटबंदी-GST का दर्द भूल जाएंगे लोग? जेटली नहीं, पीयूष गोयल पेश करेंगे अंतरिम बजट, वित्त मंत्रालय का मिला अतिरिक्त प्रभार दिल्ली एयरपोर्ट से फ्लाइट लेना पड़ेगा महंगा, 1 फरवरी से नए नियम लागू Budget 2019: महिलाओं के लिए जेटली के पिटारे में क्‍या होगा? मोदी सरकार का ऐलान- 63 नहीं, अब केवल 1 दिन में होगी ITR की पड़ताल मोदी सरकार ने कारोबारियों को दी बड़ी राहत, 40 लाख से कम टर्नओवर पर नहीं लगेगा GST