Saturday, April 27, 2024
Follow us on
 
BREAKING NEWS
राज्य सरकार पंचकूला में पत्रकारिता विश्वविधालय स्थापित करने पर गंभीरता से करेगी विचार-विधानसभा अध्यक्ष*भाजपा पंचकूला ने अल्पसंख्यक मोर्चा के 4 मंडल अध्यक्षों की घोषणा कीजन सरोकार दिवस’ रैली को ऐतिहासिक बनाने के लिए कार्यकर्ता दिन रात एक कर दे - अजय सिंह चौटालानिर्यातक के घर के सामने जमकर प्रदर्शन किया और हर रोज धरना देने का फैसला लिया। कहां की है घटना पढ़िए पूरी खबरअभय सिंह की जीत के बावजूद किसान की करारी हार-- ऐलनाबाद उपचुनाव परिणाम की समीक्षा --- पढ़िए पूरा विश्लेषणमल्टीस्पेशलिटी चेकअप कैंप में 270 लोगों की जांच, 20 आपरेशनविधानसभा अध्यक्ष ने किया अमरटेक्स, इंडस्ट्रियल एरिया फेस-1 में फैक्ट्रियों के मालिकों व श्रमिकों/कर्मचारियों के लिये मैगा कोविशिल्ड वैक्सीनेशन कैंप का उद्घाटन।पेड़-पौधे लगाकर हम धरती माता का श्रृंगार कर सकते हैं: श्रवण गर्ग
 
 
 
International

---करतारपुर साहिब में तेज हवाओं से गुरुद्वारे के गुंबद क्षतिग्रस्त, इमरान सरकार पर खड़े हुए सवाल

April 19, 2020 09:27 PM

इस्लामाबाद।-- भारी बारिश ने पाकिस्तान में भयंकर तबाही मचाई है, पाक मीडिया के मुताबिक तेज हवाओं ने गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के कुछ गुंबदों को काफी नुकसान पहुंचाया है, वो टूटकर गिर गए हैं, जिसके बाद ये कहा जा रहा है कि गुंबदों के पुनर्निमाण में सीमेंट और लोहे के बजाय फाइबर का उपयोग किया गया है, जिसकी वजह से पवित्र स्थल के गुंबद टूट गए हैं। अब इस मामले पर पाकिस्तान की इमरान सरकार में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि मामले को धार्मिक मामलों के मंत्री नूर उल हक कादरी के समक्ष उठाया गया है और उनसे पूरे घटनाक्रम की तत्काल जांच करवाने का अनुरोध भी किया गया है।
खबर है कि फ्रंटियर वर्क्स ऑर्गेनाइजेशन (एफडब्ल्यूओ) को क्षतिग्रस्त गुंबदों को तत्काल मरम्मत कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिनसे कहा गया कि 48 घंटे के अंदर ही काम को खत्म किया जाए, मालूम हो कि पाकिस्‍तान के करतारपुर में स्थित दरबार साहिब गुरुद्वारे में गुरुनानक देव ने अपनी जिंदगी के अंतिम क्षण बिताए थे। सन् 1947 में जब भारत और पाकिस्‍तान के बीच बंटवारा हुआ तो यह जगह पाकिस्‍तान के हिस्‍से चली गई थीं।
करतारपुर की स्‍थापना सन् 1504 में की थी
सिख धर्म के संस्‍थापक गुरुनानक देव ने करतारपुर की स्‍थापना सन् 1504 में की थी। रावी नदी के तट पर मौजूद यह गुरुद्वारा सिख धर्म की पहचान बना। सन् 1539 में उनकी मृत्‍यु के बाद हिंदू और मुसलमान दोनों धर्मों के लोगों ने गुरुनानक को अपने धर्म से जुड़ा हुआ बताया और उनकी याद में एक समाधि भी बनाई, रावी नदी के बहाव में वह समाधि तो बह गई और जब दोनों देशों का बंटवारा हुआ तो रावी नदी के दायीं तरफ शकर गढ़ तहसील में रैडक्लिफ रेखा आ गई। इस सीमा की वजह से रावी नदी के दायीं तरफ स्थित शकरगढ़ जिसमें करतारपुर भी आता था उसे पाक को सौंप दिया। रावी नदी के बायीं तरफ का हिस्‍सा भारत को मिला जिसमें गुरदासपुर आया और जहां पर डेरा बाबा नानक है।

Have something to say? Post your comment
 
More International News
किस्मत हो तो ऐसी* *👉जिस लॉटरी टिकट को लेने से कर रहा था इनकार, उसी से रातोंरात बन गया करोड़पति* WHO की चेतावनी, लॉकडाउन से ढील देने में जल्दबाजी से फिर बढ़ सकता है कोरोना संक्रमण
---मैटरहॉर्न पर्वत पर एक हजार मीटर का तिरंगा बनाकर स्विट्जरलैंड ने भारत की एकजुटता की यूं तारीफ
---डोनाल्ड ट्रंप की चीन को खुली चेतावनी, संक्रमण फैलाने के परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं
---COVID 19: धार्मिक नेता के जनाजे में शामिल हुए 50,000 लोग, तस्लीमा नसरीन ने कहा-सरकार बेवकूफ है
ट्रंप ने ट्वीट कर किया बड़ा ऐलान, बगदादी के बाद उसका उत्तराधिकारी भी ढेर
UAE ने अंतरिक्ष में अपना पहला एस्ट्रोनॉट भेजा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले- हमें प्रेरणा मिली
भूकंप से पाकिस्तान और PoK में भारी तबाही, 19 लोगों की मौत, 300 घायल
PAK को ट्रंप ने दिया झटका, इमरान के सामने कहा- भारत से रिश्ते अच्छे
ट्रंप बोले- भारत-अमेरिका अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए मिलकर करेंगे काम