चंडीगढ़, 16 जनवरी।अग्रजन पत्रिका से इंद्रा गुप्ता- बुढ़ापा पैंशन में जजपा की ओर से किए गए वादे के उपरांत घोषित बढ़ौतरी न किए जाने को लेकर प्रदेश भर की सड़कों पर उतर कर जमकर बवाल काटते हुए रोष प्रदर्शन किए गए। प्रदर्शन के उपरांत जिला मुख्यालयों पर अधिकरियों को मुख्यमंत्री मनोहर लाल व उप-मुख्यमंत्री दुश्यंत चौटाला के नाम सयुंक्त तौर पर जिला अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपे गए। भारतीय किसान यूनियन यूनियन के बैनर के तले पूर्व घोषित कार्यक्रम के मुताबिक रोष प्रदर्शनों का आयोजन किया गया। रोषित बुजुर्गों ने प्रदर्शन के दौरान गठबंधन सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। इन प्रदर्शनों में बड़ी संख्या में महिलाओं ने शामिल होकर पैंशन को 5100 रूपए बढ़ाने की आवाज को बुलंद्व किया। भाकियू के तत्वाधान किए गए प्रदर्शन को अभूतपूर्व बताते हुए प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने कहा कि लाखों वृद्वों, विधवाओं व विकलागों में जजपा द्वारा किए गए वायदे के अनुसार 5100 रूपए न करने को लेकर भारी रोष दिखाई दिया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर 5100 रूपए मासिक पैंशन नही की गई तो गठबंधन सरकार की ईंट से ईंट बजा देगें। नही तो विधायकों की पैंशन को भी खत्म किया जाए। मान ने कहा कि गत विधानसभा के चुनाव से पहले कभी भी 5100 रूपए की पैंशन देने की मांग नही की गई थी। लेकिन जजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में सत्ता प्राप्ति के बाद पहली कलम से 5100 रूपए बुढ़ापा पैंशन देने का स्वंय ऐलान किया था। अभी भी गठबंधन सरकार के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला इस मामले पर चुप्पी साधे हुए है। उन्होंने कहा कि अगर कहीं भी पैंशन बढ़ाने में जजपा को भाजपा की ओर से किसी प्रकार की दिक्कत है तो दुश्यंत चौटाला उसे सार्वजनिक करे। क्योंकि चुप्पी साधने की स्थिति में राजनीतिक नुकशान उठाना पड़ सकता है। रतनमान ने कहा कि झूठे वादे करके सत्ता में भागीदारी तो कर ली है। लेकिन जनता के विरोध के सामने सत्ता की कुर्सी पर ज्यादा दिन नही टिका रहना मुश्किल हो जाएगा। प्रदेशाध्यक्ष मान ने कहा कि अगर दुश्यंत चौटाला भाजपा के संग रहकर अपने वादे को पूरा करने में असमर्थ हो रहे है, तो भाजपा का साथ छोड़ कर वृद्वों से माफी मांग लेनी चाहिए। वरना झूठे वायदे करने का खामियाजा देर सवेर भूगतना ही पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर जब तक दुष्यंत चौटाला स्पष्टीकरण नही देते तो आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने बताया 29 जनवरी को पानीपत स्थित भाकियू मुख्यालय में आयोजित होंने वाली प्रदेश स्तरीय किसान महापंचायत में आगामी रणनीति की घोषणा की जाएगी। तब तक गांव गांव में पैंशन किसान पंचायतों का आयोजन किया जाएगा। जिसमें झूठे वायदे करने की पोल खोली जाएगी।
ज्ञापन के माध्यम से भेजी गई मांगे:-
1. बुढ़ापा पैंशन को जजपा के चुनावी घोषणा पत्र के मुताबिक पहली कलम से 5100 रूपए प्रतिमास किया जाए। अब इस घोषणा को लागू करने में देरी क्यों की जा रही है।
2. गन्ने का चालू खरीद सीजन के लिए 400 रूपए प्रति किवंटल भाव दिया जाए।
3. जो आपने सत्ता में आते ही पहली कलम से प्रदेश के सभी विधायकों के भत्तों व तन्खाह सहित कई मदों में बढ़ौतरी करने का काम किया है। उसे तुरंत रद्द करते हुए सभी पूर्व विधायकों सहित मौजूदा विधायकों को दी जा रही पैंशन व अन्य सुविधाओं को हमेशा के लिए खत्म किया जाए। मात्र बुढ़ापा पैंशन देने की वयवस्था की जाए।
4. न्यनतम समर्थन मूल्य पर फसल खरीदने का कानून बनाया जाए।
5. किसानों को कर्जमुक्त किया जाए।
6. फसल बीमा सरकारी खर्चे पर सरकारी एजैंसी से करवाया