अम्बाला छावनी- अग्रजन पत्रिका से इंद्रा गुप्ता- योग गुरु पूनम सांगवान ने ब्रह्मकुमारीज आश्रम डिफेंस कॉलोनी अम्बाला छावनी के राजयोग भवन में लोहड़ी के शुभ अवसर पर अपने निशुल्क कैंपेन आत्मोत्सव के तहत ढोल योगा कराया। उन्होंने बताया कि जैसे ढोल पर थाप पड़ते ही बहुत ही खूबसूरत तरंगे निकलती हैं वैसे ही अगर इंसान अपने आप को समझे जाने और अच्छा इंसान बनाए तो हर एक इंसान खूबसूरत संगीत इस दुनिया को दे सकता है। जिंदगी दिल की प्रत्येक धड़कन से जुड़कर बनती है और अगर हर एक धड़कन के साथ इंसान अपनी सोच और भाव को जोड़ दें तो एक बेहतरीन जिंदगी जी सकता है। हर एक धड़कन हर एक पल को खूबसूरत बनाने में मदद कर सकती है। पूनम सांगवान का मानना है कि हर इंसान अपनी जिंदगी को खुद ही बनाता है, बिगड़ता है, संवारता है और सजाता है। उन्होंने बताया कि वे पूरे विश्व को बापू जी के 3 बंदर बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो के साथ एक और बंदर बुरा सोचो ही मत को देना चाहती हैं। जब इंसान बुरा सोचेगा ही नहीं तो उसका पूरा जीवन बेहतर और खूबसूरत हो जाएगा। पिछले कुछ वर्षो से अपने जीवन के अनुभवों के आधार पर निशुल्क मेंटल एंड फिजिकल हेल्थ कंपनी आत्मोत्सव के अंतर्गत 365 प्रकार के योगों से लोगों को परिचित करा रही हैं।