पंचकूला,13 जनवरी- अग्रजन पत्रिका-- चैधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय के पंचकूला कृषि विज्ञान केंद्र में अनुसूचित जाति व जन-जाति के उत्थान एवं स्वरोजगार के लिए मशरूम उत्पादन तकनीक विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि विज्ञान केंद्र पंचकूला की समन्वयक डा0 श्रीदेवी ने की। इस कार्यक्रम में पंचकूला के अलग अलग गांवों से 60 प्रशिक्षार्थियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर सभी युवक युवतियों को मशरूम उत्पादन करके अपनी जीवन शैली में बदलाव करने के लिए प्रेरित किया। डा0 श्रीदेवी ने मशरूम उत्पादन को छोटे स्तर पर व्यवसाय के तौर पर अपनाने की अपील की। इस समारोह में अंबाला कृषि विज्ञान केंद्र के समन्वयक डा0 आर. एस. टाया , डा0 जे. एस. भाटिया , डा0 अश्वनी दहिया व डा0 महा सिंह ने अपने अपने विषयों पर मशरूम तकनीक से संबधित नवनीतम जानकारी सभी प्रशिक्षाणार्थियों के साथ सांझा की। इस प्रशिक्षण में मशरूम उत्पादन की तकनीक , मशरूम की पौष्टिकता कम्पोस्ट तैयार करना, मशरूम की ग्रेडिंग व पैकिंग संबधित तमाम जानकारियों को बारीकी के साथ प्रशिक्षण का हिस्सा बनाया गया। इस पांच दिवसीय प्रशिक्षण के निदेशक डा0 रवीन्द्र चैहान ने खुम्ब उत्पादन में आने वाली बीमारियों एवं उनके प्रबन्धन सम संबधित तमाम जानकारियां सांझा की। कृषि विज्ञान केंद्र पंचकूला के वैज्ञानिक डा0 गुरनाम सिंह ने खुम्ब विपणन के साथ-साथ इसका पूरा लेखा जोखा रखने की अपील की। डा0 वंदना ने कुपोषण से लड़ने के लिए मशरूम को अपने आहार का हिस्सा बनाने की अपील की। डा0 राजेश लाठर ने मशरूम की कटाई उपरांत रख-रखाव से संबधित पूरी जानकारी सभी प्रतिभागियों के साथ सांझा की। इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों को सहायक सामग्री वितरित की गई जिसमें 116 बैग स्पानयुक्त कम्पोस्ट और 15 बैग कैसिंग मिट्टी के उपलब्ध करवाए गए। इस एक बैग से तीन किलोग्राम मशरूम का उत्पादन होता है। डा0 लाठर ने जानकारी देते हुए बताया कि फल सब्जी संरक्षण पर जनवरी 14 से 20 जनवरी से अनुसूचित जाति व जनजाति समुदाय के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा।