अम्बाला, 7 दिसम्बर:- अग्रजन पत्रिका से इंद्रा गुप्ता- स्तरीय गीता जयंती महोत्सव में दूसरे दिन श्रीमद् भगवदगीता विषय पर आयोजित सैमिनार में डा0 विवेक कोहली, प्रिंसीपल सोहन लाल डीएवी कालेज, अम्बाला शहर, डा0 महेश मनोचा, नेत्ररोग विशेषज्ञ, ए.डी. गांधी, समाज सेवी, नीलम लूथरा, लैैक्चरार सोहन लाल डीएवी कालेज ने अम्बाला शहर में गीता जयन्ती विषय पर आयोजित सेमिनार में गीता सम्बधी विषय को लेकर अपने विचार रखे।
सैमिनार मे डा0 विवेक कोहली ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि आज से लगभग 5000 साल पहले हरियाणा की धरती कुरूक्षेत्र में अदभुत काव्य सुनाया गया था जोकि मोहग्रस्त अर्जुन को भगवान श्री कृष्ण ने सुनाया था। उसे श्रीमद् भगवद् गीता कहते हैं। श्रीमद् भगवद् गीता का संदेश किसी एक व्यक्ति या एक देश के लिए नहीं बल्कि पूरी मानव जाति के लिए है जोकि आज पूरे विश्व का गीत बन चुका है। उन्होनें अपने गीत के माध्यम से भी गीता सार का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि जब हम किसी भी कार्य को पूरी लग्न एवं निष्ठा के साथ करेंगे तो उसमें अवश्य सफल होंगे। उन्होंने गीता के 12वें अध्याय भक्तियोग की महिमा का भी गुणगान करते हुए कहा कि भक्ति का दूसरा नाम प्रेम और विश्वास है। हमें विश्व में आपसी भाईचारा एवं प्रेम के साथ अपना जीवन व्यतीत करना चाहिए।
डा0 महेश मनोचा ने गीता सार का वर्णन करते हुए कहा कि बिना फल की इच्छा किये कर्म करने का संदेश भगवान श्री कृष्ण ने दिया है। उन्होंने कहा कि गीता हमारी बुद्धि को शुद्ध कर देती है, इंसान के अंदर सुमती और कुमती दोनों निवास करती हैं और जो व्यक्ति गीता का अध्ययन करता है वह स्वयं ही सुमती मार्ग पर अग्रसर रहता है। डा0 मनोचा ने कहा कि गीता प्रेम संकल्प नाम से एक संस्था बनाई हुई है जोकि स्कूलों में जाकर बच्चों को गीता के 12वें अध्याय के बारे में बता रही है। उन्होने संस्कृत के श्लोक के माध्यम से सब प्राणियों से प्यार करने और सबमें प्रेम बांटने वाला ग्रन्थ गीता को बताया। भारत की विश्व में पहचान गीता ग्रन्थ के ज्ञान एवं भारतीय संस्कृति से है। श्रीमद् भगवद् गीता का संदेश पूरी मानवता के लिए है और इसमें जीवन की शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक स्तर की हर समस्या का समाधान निहित है।
डा0 नीलम लूथरा ने भगवान श्री कृष्ण की स्तुति करते हुए श्रीमद् भगवद् गीता को परम शास्त्र बताया और कहा कि गीता ग्रन्थ को पढे और सुनें और अपने जीवन का उद्धार करें। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति गीता रूपी पावन शास्त्र का अध्ययन कर लेता है उस जीव को विष्णु पद प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का संदेश देते हुए कहा था कि जब-जब मानवता अपने प्रश्नों के उत्तर के लिए परेशान होगी तो गीता में उसको हर प्रश्न का उत्तर मिलेगा और जीव के अंदर के छिपे हुए असुरत्व को मिटाकर उसके अंदर के देवत्व को जगाने का काम गीता करती है।
इस अवसर पर ए.डी. गांधी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि भारत को विश्व का अध्यात्मिक गुरू कहा जाता है, क्योंकि हम ऋ षि-मूनियों के वंशज है, जिन्होंने वेद-पुराणों और शास्त्रों की रचना की है। दुनिया का सबसे बड़ा उपदेश श्रीमद् भगवद् गीता है। उन्होंंने कहा कि इंसान के अंदर ही भगवान का वास है और जाने-अनजाने में इंसान उसे इधर-उधर खोजता है। अगर इंसान अपने अंदर झांके तो उसे इधर-उधर भटकने की आवश्यकता नहीं है उसके अंदर ही भगवान विराजमान है। उन्होंने कहा कि गीता का संक्षेप में सार यही है कि सारथी बनो स्वार्थी नहीं। हमारी प्राचीन संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए सबको मिलकर काम करना है ताकि इसका संदेश घर-घर तक पहुंचे। हरियाणा सरकार श्रीमद् भगवद् गीता के संदेश को जन-जन तक पहुंचा रही है जोकि काबिले तारीफ है। उन्होंने कहा कि गीता केवल पूजा एवं पाठ करने की पुस्तक नहीं अपितु जीवन जीने की एक अनूठी पे्ररणा है। इस अवसर पर जिला उपायुक्त द्वारा सभी को शॉल भेंट करके सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर उपायुक्त अशोक कुमार शर्मा, अतिरिक्त उपायुक्त जगदीप ढांडा, एसडीएम अम्बाला शहर गौरी मिड्डा, नगरधीश अम्बाला, जिला राजस्व अधिकारी विनोद शर्मा, डीआईपीआरओ धर्मवीर सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी उमा शर्मा सहित अन्य अधिकारी और काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।